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एनटीपीसी हादसाः परिजनों को पता नहीं, घायल पहुंच गए लखनऊ

<p>उत्तर प्रदेश के रायबरेली के उंचाहार एनटीपीसी प्लांट में बॉयलर फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. </p><p>इस घटना में घायल हुए लोगों की संख्या 57 है, जिन्हें अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. </p><p>घटना के दौरान एनटीपीसी प्लांट में मौजूद कर्मचारी हिमांशु ने बताया कि जिस समय बॉयलर […]

<p>उत्तर प्रदेश के रायबरेली के उंचाहार एनटीपीसी प्लांट में बॉयलर फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. </p><p>इस घटना में घायल हुए लोगों की संख्या 57 है, जिन्हें अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. </p><p>घटना के दौरान एनटीपीसी प्लांट में मौजूद कर्मचारी हिमांशु ने बताया कि जिस समय बॉयलर फटा वहां क़रीब साढ़े पांच सौ लोग काम कर रहे थे. </p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india-41833564">एनटीपीसी प्लांट हादसा: मरने वालों की तादाद 20 पहुँची</a></p><p>घटना के तुरंत बाद प्लांट में किसी को भी जाने की इजाज़त नहीं दी गई. </p><p>मीडिया कर्मियों को भी तब इजाज़त मिली जब घटनास्थल पर रायबरेली के ज़िलाधिकारी और एसपी आए.</p><p>हिमांशु ने अपना आंखों देखा हाल बीबीसी को बताया. </p><p><strong>प्रत्यक्षदर्शी</strong><strong> हिमांशु-</strong></p><p>इस हादसे में मेरे बहनोई को गंभीर चोटें आई हैं. जिस समय बॉयलर का ट्यूब फटा, उसके आधे घंटे तक केवल धुआं और धुंध ही छाया रहा. </p><p>घटना स्थल पर धुएं के अलावा और कुछ नहीं दिख रहा था. </p><p>ये हादसा 3.20 पर हुआ जबकि हम अपना काम ख़त्म करते हैं तीन बजे. जिस समय ये हादसा हुआ हम नीचे थे. उस दौरान कुल 570 लोग काम कर रहे थे. </p><p>ये सारे लोग ठेके पर लगाए कर्मचारी थे, इनमें एनटीपीसी के केवल दो या तीन कर्मचारी घायल हुए हैं. </p><p>घटना के क़रीब एक घंटे बाद एम्बुलेंस आई, वो भी बाहर से. घटना के समय यहां कोई एम्बुलेंस मौजूद नहीं थी. </p><p>लेकिन जब सुरक्षा बल आए और घटना स्थल में राहत और बचाव का काम शुरू किया उसके बाद किसी को अंदर जाने नहीं दिया गया. </p><p>इस दौरान हमें भी बचाव करने से रोका गया. वहां न तो कोई एनटीपीसी का कर्मचारी था और ना ही कोई और.</p><p>अभी भी यहां मलबा जैसे गिरा उसी तरह पड़ा हुआ है. घटना के तुरंत बाद उन्होंने सबसे पहले बिजली बंद कर दी. </p><p><strong>’कल शाम तक जगह नहीं थी, आज एक </strong><strong>दिखा रहे</strong><strong>'</strong></p><p>एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने सुरेंद्र वर्मा ने बीबीसी को बताया, &quot;हादसे की शाम तक एनटीपीसी अस्पताल मरीज़ों से भरा हुआ था. जबकि सुबह तक यहां सिर्फ एक मरीज़ भर्ती दिखाया जा रहा है.&quot;</p><p>उन्होंने कहा, &quot;जिस समय हादसा हुआ मैं भागकर मौके पर पहुंचा तो देखा कि बहुत सारे लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि बहुत सारे लोग वहां से बच कर निकलने की कोशिश कर रहे थे.&quot; </p><p>उन्होंने कहा कि लोगों को एम्बुलेंस से एनटीपीसी अस्पताल ले आया गया लेकिन यहां पता चल रहा है कि कोई नहीं है. </p><p>वो कहते हैं, &quot;पता नहीं यहां क्या हो रहा है. हमारे परिजन नहीं मिल रहे हैं. सारी ग़लती एनटीपीसी कर्मचारियों की है.&quot;</p><h1>ज़िलाधिकारी का क्या कहना है?</h1><p>रायबरेली के ज़िलाधिकारी संजय खत्री ने बताया कि घटनास्थल पर बचाव और राहत के लिए पहुंची एनडीआरएफ़ की टीम ने अपना काम ख़त्म कर लिया है. उन्हें कोई और मृतक नहीं मिला. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;हादसे में मारे जाने वालों की संख्या 20 है, जबकि घायलों में 12 लोगों को छोड़कर बाकी सभी को लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.&quot;</p><p>ज़िलाधिकारी के अनुसार, ‘बॉयलर का एक पाइप फट गया था, जिसकी वजह से बड़ी मात्रा में गैस और राख बाहर निकला और इसी से जलने से लोग घायल हुए हैं.’ </p><p>उन्होंने कहा कि छोटी मोटी चोट से लेकर गंभीर रूप से घायल होने वालों की कुल संख्या 80 है. घायलों में एनटीपीसी के कर्मचारी और ठेके पर रखे गए कर्मचारी दोनों हैं. </p><h1>घायल लखनऊ रेफ़र </h1><p>घायलों को सबसे पहले एनटीपीसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकांश की हालत बहुत नाज़ुक है और उनमें से कई लोगों को लखनऊ के अस्पतालों में रेफ़र कर दिया गया है. </p><p>एनटीपीसी के अस्पताल में शवों को रखा गया था, जिनका पोस्टमार्टम होना है. </p><p>सुबह तक रायबरेली के अस्पतालों से अधिकांश घायलों को लखनऊ भेज दिया गया और उनके परिजनों को हटा दिया गया है. </p><p>घायलों और उनके परिजनों से मिलने के लिए राहुल गांधी भी गुरुवार को रायबरेली जा रहे हैं.</p><p>सुबह मृतकों और घायलों के परिजन एनटीपीसी गेट के सामने इकट्ठे हो गए और हंगामा शुरू कर दिया.</p><p>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए <a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां</a> क्लिक करें. आप हमें <a href="http://www.bbc.com/hindi/sport-39061037">फ़ेसबुक</a> और <a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">ट्विटर</a> पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)</p>

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