।।दक्षा वैदकर।।
जंगल में एक खरगोश रहता था. एक दिन वह गुफा के सामने बैठ कर कंप्यूटर पर कुछ टाइप कर रहा था. तभी वहां से लोमड़ी गुजरी. उसने पूछा, ये क्या कर रहे हो? खरगोश बोला, मैं थिसिस लिख रहा हूं, जिसका विषय है ‘किस तरह एक खरगोश लोमड़ी को मार सकता है’. लोमड़ी हंसी और बोली, ये मुमकिन है क्या? खरगोश बोला- हां, क्यों नहीं. लोमड़ी ने कहा- तुम कहीं पागल तो नहीं हो गये? खरगोश बोला, तुम्हें अगर यकीन नहीं होता, तो चलो खुद गुफा में चल कर यह देख लो.
लोमड़ी उसके साथ चली गयी और फिर वापस बाहर नहीं आयी. खरगोश अकेला ही बाहर आया. वह दोबारा कंप्यूटर पर काम करने लगा. एक हिरण वहां से गुजरा. उसने भी आश्चर्य से खरगोश को देखा और पूछा, खरगोश भाई क्या कर रहे हो? खरगोश ने कहा मैं थिसिस लिख रहा हूं कि किस तरह खरगोश किसी हिरण को खा सकता है. हिरण भी हंसने लगा. उसने कहा, तुमने अपना शरीर देखा है कभी? इतना छोटा-सा खरगोश क्या कभी हिरण को मार सकता है? खरगोश ने कहा, तुम्हें यकीन नहीं होता? हिरण ने कहा- ‘बिल्कुल नहीं’. खरगोश बोला, तो चलो इस गुफा के अंदर मैं अभी तुम्हें दिखाता हूं. हिरण बिना डरे हंसते-हंसते गुफा में उसके साथ चला गया. कुछ देर बाद केवल खरगोश बाहर आया. इस तरह कई जानवर आते और खरगोश के साथ गुफा में चले जाते. एक बार गुफा में जाने के बाद वे वापस नहीं आते.
दोस्तो, क्या आपको इसकी वजह पता है? आपने अंदाजा तो लगा ही लिया होगा. जी हां, अंदर गुफा में शेर बैठा था, जो उन जानवरों को अपना भोजन बना रहा था. यदि हम यहां शेर को बॉस और खरगोश को सेक्रेटरी या कर्मचारी मान लें, तो इस कहानी का सार यह है कि भले ही आप खरगोश (कमजोर) हों और बॉस का शिकार कभी भी बन सकते हों, लेकिन अगर आप में थोड़ी समझदारी है, तो आप अपनी जान या नौकरी बचा सकते हैं. आपको बस पता होना चाहिए कि आप अपने बॉस का विश्वासपात्र कैसे बन सकते हैं. इसके लिए जरूरी है सबसे पहले यह पता लगाना कि बॉस को कौन-सी चीजें पसंद हैं और कौन-सी नहीं.
बात पते कीः
-बॉस ने अगर कोई टास्क दिया है, तो जरूरी नहीं कि भाग-दौड़ की जाये. थोड़ा-सा दिमाग लगा कर स्मार्ट वर्किग से हम चीजें मैनेज कर सकते हैं.
-एक सीख यह भी मिलती है कि कोई अगर काम कर रहा है, तो उसे डिस्टर्ब न करें. साथ ही उसकी हर बात पर विश्वास कर अपना नुकसान न कर बैठें.