कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले नेता शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल चुनाव 2021 में पार्टी की हार पर पहली बार मुंह खोला है. बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि कुछ नेताओं के ओवर कॉन्फिडेंस की वजह से भाजपा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता यह मानकर बैठ गये कि पार्टी चुनाव में 170 से 180 सीटें जीत रही है. आत्ममुग्ध इन नेताओं ने अति आत्मविश्वास में जमीन पर कोई काम नहीं किया. फलस्वरूप पार्टी को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. पूर्वी मेदिनीपुर के टीएमसी कद्दावर नेता रहे शुभेंदु अधिकारी ने अपने गृह जिला के चंडीपुर में पार्टी की एक मीटिंग में ये बातें रविवार को कहीं.
श्री अधिकारी ने कहा कि इन्हीं कुछ नेताओं की वजह से जमीनी स्तर पर उतना काम नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था. भाजपा को बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा कि शुरू के दो चरणों में हमने बेहतर प्रदर्शन किया और इसके बाद हमारे कुछ नेता आत्ममुग्ध ही नहीं, ओवरकॉन्फिडेंट हो गये. इन्होंने मान लिया कि हम 170 से 180 सीटें जीत रहे हैं.
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शुभेंदु ने कहा कि इसकी कीमत हमें चुकानी पड़ी. यदि हमने जमीनी स्तर पर मेहनत की होती, तो पार्टी ने जो लक्ष्य तय किया था, हम उसके करीब पहुंच सकते थे. उन्होंने कहा कि टार्गेट सेट करने के साथ-साथ ग्राउंड लेवल पर काम करना जरूरी था. पार्टी ने जो लक्ष्य तय किया था, वह असंभव नहीं था. अगर हमने कड़ी मेहनत की होती, तो पार्टी सरकार बना सकती थी.
शुभेंदु अधिकारी के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी इस बात को भूल गये कि ममता बनर्जी की सरकार ने समाज कल्याण की कई परियोजनाओं पर बेहतरीन काम किया. यही वजह है कि भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं के प्रचार के बावजूद तृणमूल कांग्रेस सत्ता में लौटी. ममता के खिलाफ उनके दुष्प्रचार का कोई असर जनता पर नहीं हुआ.
श्री घोष ने कहा कि भाजपा वाले मूर्खों के स्वर्ग में विचरण कर रहे थे. उनके नेताओं ने भविष्यवाणी कर दी कि भगवा दल को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी. श्री घोष ने शुभेंदु अधिकारी पर तंज कसते हुए कहा कि अब वह दूसरों में दोष क्यों ढूंढ़ रहे हैं. क्या शुभेंदु ने खुद बार-बार नहीं कहा था कि भाजपा कम से कम 180 सीटें जीतेगी? श्री घोष ने कहा कि दरअसल, वे बंगाल की नब्ज को नहीं जानते, तृणमूल जानती है.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सबसे पहले भाजपा के दिग्गज नेता तथागत रॉय ने बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष समेत कुछ नेताओं को चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी की हार पर वह एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे. उन्होंने दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करने पर भी सवाल उठाये थे.
Posted By: Mithilesh Jha