शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चांद की रोशनी के नीचे पूरी रात रखने को भी लाभदायक माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के रूप में मनाया जाता है. इस बार 19 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। हालांकि तिथि की घट-बढ़ के कारण कहीं-कहीं 20 अक्टूबर को भी Sharad Purnima बनाई जाएगी.
क्यों खास है शरद पूर्णिमा
इस पूर्णिमा में भगवान श्रीविष्णु (Lord Vishnu) के साथ मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की पूजा की जाती है. इस बार यह पूर्णिमा 19 अक्टूबर 2021 को है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात में धरती पर विचरण करती हैं. इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा का नाम दिया गया है.
शरद पूर्णिमा को कोजगिरी पूर्णिमा भी कहते हैं
कुछ जगहों पर शरद पूर्णिमा को कोजगिरी पूर्णिमा भी कहते हैं. यह दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए और उनको प्रसन्न करने के लिए बहुत खास होता है. साथ ही इस दिन कुछ कामों को करने की मनाही है. इस साल 19 अक्टूबर 2021 को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2021) है.
ऐसे प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी
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शरद पूर्णिमा के दिन सुहागिन महिलाओं को भोजन करवाना चाहिए. साथ ही कोई भेंट देनी चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है.
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शरद पूर्णिमा को सूर्यास्त से पहले ही दान-दक्षिणा करें. सूर्यास्त के बाद दान देने गरीबी आती है.
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इस दिन संभव हो तो तवा न चढ़ाएं यानी कि तली हुई चीजें ही खाएं.
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शरद पूर्णिमा को महिलाएं सूर्यास्त के बाद बालों में कंघी न करें. ऐसा करना अशुभ होता है.
पूजन विधि
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घर में ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां लक्ष्मी के हाथों से धन गिर रहा हो.
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अगर आपके हाथों में पैसा नहीं रुकता और बहुत ज्यादा खर्च होता है तो ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां लक्ष्मी खड़ी हों और उनके हाथों से धन गिर रहा हो.
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मां की तस्वीर के सामने दीया जरूर जलाएं. मां लक्ष्मी के सामने हमेशा घी का दीया ही जलाना चाहिए.
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मां लक्ष्मी को इत्र चढ़ाएं और उसी इत्र का नियमित इस्तेमाल करें.
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अगर बेवजह धन ज्यादा खर्च हो रहा है तो मां के चरणों में हर दिन एक रुपये का सिक्का अर्पित करें और उसे जमा कर महीने के अंत में किसी सौभाग्य की धनी स्त्री को दे दें.
Posted By: Shaurya Punj