पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मालदा के सरकारी गेस्ट हाउस में दोपहर का खाना खाने की नहीं मिली इजाजत. कांग्रेस नेता की ‘न्याय यात्रा’ 31 जनवरी को मालदा जिले में प्रवेश करने वाली हैं. ऐसे में तैयारी करते हुए पार्टी ने नेता राहुल गांधी के लंच का इंतजाम रतुआ थाने के भालुका सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में करना चाहते थे. जिला कांग्रेस की ओर से प्रशासन से लिखित अनुरोध भी किया गया था. लेकिन जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार अनुमति नहीं दी गयी. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस दिन मालदा के दौरे पर रहेंगी. इसलिए जिले के किसी भी सरकारी गेस्ट हाउस में किसी को रुकने और खाने की इजाजत नहीं है.
सिलीगुड़ी में राहुल गांधी की ‘न्याय यात्रा’ को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के जिले प्रशासनिक अवरोध’ का सामना करना पड़ा है. राहुल की यात्रा 1 फरवरी को बहरामपुर में होने वाली है. इसी तरह बहरामपुर स्टेडियम में कांग्रेस नेताओं के रात्रि प्रवास के लिए अनुरोध किया गया था. प्रशासन ने वह अनुमति निरस्त कर दी. कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक मुर्शिदाबाद के जिला आयुक्त ने गुरुवार को उन्हें सूचित किया कि बहरामपुर स्टेडियम नहीं दिया जा सकता है. विकल्प के तौर पर प्रशासन ने पास का एफयूसी ग्राउंड देने का प्रस्ताव रखा था. इसी बीच, राहुल गांधी को सरकारी गेस्टहाउस में दोपहर का भोजन नहीं करने देने पर विवाद खड़ा हो गया.
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जिला कांग्रेस के महासचिव और पूर्व विधायक भूपेन्द्रनाथ हलदर ने आरोप लगाया कि अगर सरकारी अधिकारी कांग्रेस को इस गेस्ट हाउस का इस्तेमाल करने की इजाजत देंगे तो उन्हें मुख्यमंत्री के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा. भूपेन्द्र ने दावा किया, सरकारी नियमों के मुताबिक गेस्ट हाउस में राहुल गांधी के दोपहर के भोजन के लिए अनुरोध किया गया था जिसकी अनुमति नहीं दी गई है. जिला तृणमूल के उपाध्यक्ष दुलाल चंद्र सरकार ने कहा, कांग्रेस पूरे साल सोती रहती है. वोट के समय जगती है. कांग्रेस के पास शिकायत करने के अलावा कोई काम नहीं है. जनवरी महीने में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के विभिन्न परियोजनाओं के मेले आयोजित किये जा रहे हैं. इसलिए सरकारी गेस्ट हाउस बुक किए गए हैं, ताकि विभिन्न विभागों के अधिकारी रुक सकें. कांग्रेस नेता के अचानक आने पर उन्हें गेस्टहाउस देना संभव नहीं है. मालदा में यह राजनीति नहीं चलती.