गढ़वा, पीयूष तिवारी : गढ़वा जिले में पॉक्सो के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों की तुलना में नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. यदि दर्ज मामलों के आंकड़ें देखें, तो गढ़वा जिले में प्रत्येक चार दिन में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही हैं. लेकिन यदि इस आंकड़े में 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के साथ होनेवाले दुष्कर्म के मामले भी जोड़ दें, तो प्रत्येक दो दिन बाद एक महिला के साथ दुष्कर्म की घटना घट रही है. ये वैसे मामले हैं, जो थाना या सीडब्लयूसी (बाल कल्याण समिति) तक पहुंच रहे हैं. जबकि वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है. उपरोक्त आंकड़े इस वर्ष 2023 में जनवरी से लेकर नवंबर तक के हैं. जबकि गत वर्ष ऐसे अपराध कम हुए थे. वर्ष 2022 में सात दिनों में एक ऐसी घटना होती थी. सीडब्ल्यूसी में दर्ज साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से नवंबर तक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की 79 घटना हुई हैं. जबकि गत वर्ष जनवरी से नवंबर तक ऐसे 49 मामले दर्ज हुए थे. आंकड़ों पर गौर करें, तो पॉक्सो के 90 प्रतिशत से ज्यादा मामले ग्रामीण इउलाके के हैं. इन मामलों की सुनवाई अभी पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंसेस) कोर्ट में चल रही है. कुछ मामलों को छोड़ लगभग सभी मामलों के आरोपी जेल में हैं.
क्यों बढ़ रहे हैं पॉक्सो के मामले
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) गढ़वा के चेयरमैन प्रणव कुमार के अनुसार गढ़वा जिले में पॉक्सो से संबंधित कानूनी पहलुओं व जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने के बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है. पॉक्सो से संबंधित मामले बढ़ने के कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण मोबाइल का बढ़ता प्रयोग है. मोबाइल की वजह से उम्र से आगे की समझ नाबालिगों में विकसित हो रही है. इसके अलावे गरीबी व अशिक्षा को भी इसके लिए जिम्मेवार बताया जा रहा है. यहां यह भी गौरतलब है कि गढ़वा जिले में पॉक्सो के जो मामले दर्ज हुए हैं, उनमें से ज्यादातर मामले में आरोपी नाबालिग लड़के हैं.
बहुत कम मामले में हो पाती है सजा
जानकारों के अनुसार पॉक्सो से संबंधित मामले दर्ज होने के बाद कुछ मामलों में ही आरोपी को सजा हो पा रही है. ज्यादातर मामले में आरोपी के कुछ समय तक जेल में रहने के बाद गवाह के मुकरने या पीड़िता द्वारा बयान बदल दिये जाने की वजह से मामले में आरोपियों को सजा नहीं मिल पा रही है. कई मामले में नाबालिग प्रेमी-प्रेमिका होते हैं तथा बाद में उनके बीच सुलह हो जाती है.
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