खगड़िया: कोसी व बागमती नदी का पानी एक बार फिर बढ़ने लगा है. जिससे लोगों में दहशत है. इन दोनों नदियों के पानी में बढ़ोतरी से कुछ और गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे के दौरान बागमती नदी के जलस्तर में 12 सेमी की वृद्धि हुई है. जबकि कोसी का जलस्तर 10 सेमी बढ़ा है. गौरतलब है कि इन दोनों नदियों का पानी बीते कुछ दिनों से घट रहा था. इधर एक बार इन दोनों नदियों के जलस्तर में हुई एक साथ वृद्धि से बेलदौर, अलौली व चौथम प्रखंड के कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
वहीं बूढ़ी गंडक का बढ़ना जारी है. 25 घंटे में 3 सेमी गंडक का पानी बढ़ा है. गंडक का पानी बढ़ने से रहीमपुर उत्तरी पंचायत समेत कुछेक और गांव में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल भी बर्बाद हो चुकी है. बताया जाता है कि बीते 24 घंटे के दौरान नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि से जिले के करीब 18 सौ और लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. डीएम आलोक रंजन घोष द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक बाढ़ से 92 गांव के 78 हजार 990 लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं राहत की बात यह है कि गंगा का पानी घटने लगा है. 24 घंटे में गंगा का पानी 16 सेमी घटा है. जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है.
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बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर अंचल स्थित बसही में बूढ़ी गंडक नदी के तटबंध टूटने की चर्चा दिनभर होती रही. तटबंध टूटने की सूचना से इस जिले के लोग भी दहशत में थे. लेकिन उक्त तटबंध को पूरी तरह सुरक्षित बताया गया है. बेगूसराय जिला-प्रशासन द्वारा बसही स्थित बूढ़ी गंडक के तटबंध के टूटने की सूचना को अफवाह बताया गया है. गुरुवार को बेगूसराय जिला-प्रशासन द्वारा उक्त तटबंध को लेकर सोशल मीडिया पर सूचना साझा किया गया. जिसमें कहा गया है कि जिला प्रशासन, बेगूसराय एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, रोसड़ा के अभियंताओं की टीम संपूर्ण तटबंध की सुरक्षा में पूरी मुस्तैदी के साथ लगी हुई है. किसी भी जगह रिसाव की सूचना पर फौरन वहां बचाव कार्य कराया जा रहा है. इधर डीएम आलोक रंजन घोष ने बसही तटबंध को लेकर बेगूसराय जिला-प्रशासन द्वारा जारी की सूचना से लोगों को अवगत कराया है.
बता दें कि वर्ष 2007 में बसही गांव में ही बूढ़ी गंडक के तटबंध टूटने से बाढ़ आयी थी. तटबंध टूटने से बेगूसराय जिले से अधिक खगड़िया जिला बाढ़ से प्रभावित हुआ था. गांव के साथ-साथ उस बाढ़ में शहर में (रेलवे लाइन के उत्तर भाग) कई दिनों तक नाव चली थी. समाहरणालय सहित कई सरकारी दफ्तरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था. इस बाढ़ में सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए थे. तथा हजारों लोगों को शिविर में शरण लेना पड़ा था. एक दर्जन से अधिक घर हो गये कमला में विलीनअलौली प्रखंड के चेराखेरा पंचायत के उत्तर बहोरवा में एक दर्जन से अधिक घर कमला नदी में समा गया है.
बागमती नदी-वास्तविक स्तर – 38.27 मीटर (वृद्धि)खतरे का स्तर – 35.63 मीटरस्थिति – 2.64 मीटर खतरे के निशान से ऊपर
कोसी नदी- वास्तविक स्तर – 35.75मीटर (वृद्धि)खतरे का स्तर – 33.85 मीटर स्थिति – 1.9 मीटर खतरे के निशान से ऊपर
बूढ़ी गंडक नदी – वास्तविक स्तर – 36.77 मीटर (वृद्धि) खतरे का स्तर – 36.60 मीटर स्थिति – 0.17 मीटर खतरे के निशान से ऊपर
गंगा नदी.वास्तविक स्तर – 33.49 मीटर (गिरावट)खतरे का स्तर – 34.07 मीटर स्थिति – 0.58 मीटर खतरे के निशान से नीचे
Posted By : Thakur Shaktilochan Shandilya