चंद्रदाथन ने कहा : पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने तकनीक को बढ़ावा देने का काम किया है
रांची : इनोवेटिव आइडिया रोजाना तकनीक को नया आयाम दे रहे हैं. इससे न केवल विज्ञान के क्षेत्र में नये बदलाव संभव हो रहे हैं, समाज को फायदा भी मिल रहा है. तकनीक को विकसित करने में विद्यार्थियों की भागीदारी अहम है. यह बातें मंगलवार को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के पूर्व निदेशक व पद्मश्री से सम्मानित एम चंद्रदाथन ने बीआइटी में ‘समाज के लिए तकनीक’ विषय में आयोजित सेमिनार में कही.
उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद से ही तकनीक के क्षेत्र में आश्चर्यजनक उन्नति की है. बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने तकनीक को बढ़ावा देने का काम किया है. साथ ही युवा इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकें, इसकी विभिन्न योजनात्मक गतिविधि तैयार की है. उन्होंने बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी अपने कार्यकाल में अनुसंधान के विकास पर जोड़ दिया था. उसी का परिणाम है कि आज देश विभिन्न तकनीक को अपनाने और नयी दिशा में अपने सोच को विकसित करने में अपनी भूमिका अदा कर रहा है. विद्यार्थी मन लगा कर पढ़ाई करें और अपने ज्ञान को तकनीक के सार्थक प्रयोग में इस्तेमाल करें.
सेमिनार के दौरान विद्यार्थियों ने तकनीक से संबंधित कई सवाल पूछे. जिनका जवाब पाकर विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ा.
कौन हैं एम चंद्रदाथन
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के पूर्व निदेशक एम चंद्रदाथन बीआइटी मेसरा के छात्र रहे हैं. चंद्रनाथन ने 1972 में इसरो ज्वॉइन किया. वे इंडियन स्पेस प्रोग्राम, चंद्रयान और मार्स मिशन ऑर्बिटर से भी जुड़े रहे हैं. उन्हें 2014 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.
जानकारी हासिल कर स्टार्ट-अप शुरू करें
दूसरी ओर, कॉलेज के रिसर्च एंड डेवलपमेंट बिल्डिंग में परिचर्चा का आयोजन किया गया. ‘इनोवेटिव सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में टीटूएम के संस्थापक व हाइड्रोजन एवं फ्फ्यूल सैल टेक्नोलॉजी के पिनाकी पटेल ने विद्यार्थियों को स्टार्ट-अप के प्रति रुचि बढ़ाने की बात कही. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वर्तमान में लोग टिकाऊ और कम कीमत में बेहतर तकनीक की अपेक्षा करते हैं. इसे संभव बनाने के लिए विद्यार्थियों को अपने ज्ञान के पिटारे को खंगालना होगा. तकनीक के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए विषय के प्रति रुचि और जानकारी को व्यवहार में शामिल करना होगा. कार्यक्रम के समापन पर डीन छात्र कल्याण डॉ आनंद कुमार सिन्हा व डॉ मोहन वर्मा ने वक्ताओं को सम्मानित किया.