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छात्रों को यूएस भेजने के मामले में भारत नंबर वन, 2022 में जारी किए गए 82,000 से अधिक स्टूडेंट वीजा

अमेरिका की उपलब्धियों को बयान करते हुए नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में सलाहकार मामलों के मंत्री डॉन हेफ्लिन ने कहा कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को भेजने के मामले में दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले नंबर वन देश है.

नई दिल्ली : देश-दुनिया से कोरोना महामारी के समाप्त होने के बाद जैसे ही लोगों का आवागमन पटरी पर लौटा, भारत ने अपनी प्रतिभाओं को गढ़ने के लिए विदेश रवाना करना शुरू कर दिया. खासकर, भारत ने अपने छात्रों को सबसे अधिक अमेरिका भेजा है. इसी का परिणाम है कि कोरोना समस्या के बाद अपने छात्रों को अमेरिका भेजने के मामले में भारत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले पहले पायदान पर है. भारत में अमेरिकी दूतावास के सलाकार मामलों के मंत्री डॉ हेफ्लिन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका ने वर्ष 2022 की गर्मी के दौरान 82,000 से अधिक स्टूडेंट वीजा जारी किया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि इस साल दूसरे देशों में कोरोना संबंधी समस्या रहने के बाद भारत अपने छात्रों को अमेरिका भेजने के मामले में अन्य देशों के मुकाबले नंबर वन है.

मई-जून में जारी किए गए रिकॉर्ड स्टूडेंट वीजा

अमेरिका की उपलब्धियों को बयान करते हुए नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में सलाहकार मामलों के मंत्री डॉन हेफ्लिन ने कहा कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को भेजने के मामले में दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले नंबर वन देश है. उन्होंने कहा कि भारत में अमेरिकी राजनयिक मिशनों ने मई और जून 2022 के दौरान रिकॉर्ड 82,000 से अधिक स्टूडेंट वीजा जारी किए गए, जो दुनिया के किसी भी दूसरे देशों की तुलना में अधिक है.

पिछले साल 62,000 जारी किए गए स्टूडेंट वीजा

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए अमेरिकी दूतावास में सलाहकार मामलों के मंत्री डॉन हेफ्लिन ने कहा कि पिछले साल हमने करीब 62,000 स्टूडेंट वीजा जारी करने का रिकॉर्ड बनाया. दिलचस्प बात यह है कि इस साल दुनिया के दूसरे देशों में कोरोना संबंधी समस्या के बावजूद छात्रों को अमेरिकी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भेजने के लिए भारत नंबर एक देश है.

नकलचियों से रहें सावधान

क्या एजेंटों के जरिए स्लॉट बुकिंग कराना उचित है? इस सवाल के जवाब में डॉन हेफ्लिन ने कहा कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है, लेकिन उन्होंने नकली दस्तावेजों और झूठे दावों से दूर रहने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है. मुझे नहीं लगता कि आपको हमारे साथ स्लॉट बुक करने के लिए किसी एजेंट की आवश्यकता है. उम्मीद है, वे कुछ अन्य सलाहकार सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. एक चेतावनी है कि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते हैं, जो आपको नकली दस्तावेजों का एक पैकेज बेचने की कोशिश करता है या आपको झूठे बयान देने के लिए कहता है, तो हम लोगों को यही सलाह देंगे कि आप तुरंत उससे बुकिंग करना बंद करें, क्योंकि इससे आपको अपने स्टूडेंट वीजा में परेशानी हो सकती है.

कैसे करें नकलचियों की पहचान

नकली दस्तावेज और झूठे दावों के आधार पर स्टूडेंट वीजा दिलाने वालों से बचने और उनकी पहचान करने के बारे में डॉन हेफ्लिन ने लोगों को सलाह दी है कि यदि आप चेक करते रहते हैं और यदि लॉक होने से बचने का कोई तरीका है, तो सिस्टम के बारे में जानना बेहद जरूरी है. आपको लॉक होने से बचने के लिए दिन में दो या तीन बार वेबसाइट जरूर देखें. उन्होंने कहा कि हम लोगों को सलाह देते हैं कि दिन में दो या तीन बार हमारी साइट देखें. यह आपको लॉक नहीं करेगा और अपॉइंटमेंट इतनी तेजी से चलते हैं कि यदि आप दिन में दो या तीन बार चेक कर रहे हैं, तो आप उन्हें याद करते हैं. यदि आप उन्हें बार-बार जांचते हैं और 72 घंटों तक देखते हैं, तो यह वास्तव में एक बहुत बड़ी बात है और हमें यह पसंद नहीं है कि लोगों के साथ ऐसा हो.

भारतीय दूतावासों में जल्द होगी नियुक्ति

दूतावासों में नौकरी के लिए चेन्नई और अन्य वाणिज्य दूतावासों का चक्कर लगाने विभिन्न छात्रों की शिकायतों पर जोर देते हुए हेफ्लिन ने कहा कि अगली गर्मियों तक उनके पास 100 फीसदी स्टाफ हो सकता है, ताकि चीजें समान हो जाएं. उन्होंने कहा कि यह उस समय का नतीजा है, जब कोविड ने सब कुछ ठप कर दिया. हमारे पास अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग वैश्विक सलाहकार हैं. इसलिए, नियुक्तियों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों ने देश भर में उड़ान भरी. अब, हमें इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि जब यह एक प्रोफेशन हो या शायद स्नातक छात्र हो या फिर H1 वर्कर हो. अगली गर्मियों तक हम 100 फीसदी स्टाफिंग के बहुत करीब होने जा रहे हैं. हमें लगता है कि उन्हें अपने घर के नजदीक दूतावासों में नौकरी मिल जाएगी.

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अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में 20 फीसदी भारतीय

ओपन डोर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में भारत के करीब 20 फीसदी छात्रा शामिल हैं. इसमें वर्ष 2020-2021 शैक्षणिक वर्ष में भारत के 167,582 छात्र अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान विदेशी छात्रों को अपने यहां पढ़ाई कराता रहा है. 2020 में अमेरिकी सरकार और अमेरिकी उच्च-शिक्षा संस्थान इस गारंटी के साथ विदेशी छात्रों को ऑनलाइन और हाइब्रिड शिक्षण विधियों के जरिए सुरक्षित रूप से पढ़ाते रहे, ताकि अत्याधुनिक संसाधनों के साथ उनकी पढ़ाई पूरी की जा सके.

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