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ममता और बिमल के बीच फिर टकराव के आसार

सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग तथा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एक बार फिर से टकराव बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि गोजमुमो इस महीने की 13 नवंबर से गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन करने पर अटल है. एक ओर जहां राज्य […]

सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग तथा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एक बार फिर से टकराव बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि गोजमुमो इस महीने की 13 नवंबर से गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन करने पर अटल है. एक ओर जहां राज्य सरकार गोजमुमो नेताओं को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर बिमल गुरुंग अपने आंदोलन को और तेज करना चाहते हैं. वह 13 नवंबर से आंदोलन के फैसले पर अडिग हैं.

गोजमुमो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आंदोलन के पहले चरण में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र को तीनों महकमा शहरों एवं सुकना में जनसभा आयोजन करने का जो निर्णय लिया गया है, वह होगा. सबसे पहले कालिम्पोंग में 13 नवंबर को जनसभा होगी. कर्सियांग में 20 नवंबर एवं दार्जिलिंग में 27 नवंबर को जनसभा करने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर जोर-शोर से तैयारी की जा रही है.

इन जनसभाओं में बिमल गुरुंग, रोशन गिरि सहित गोजमुमो के तमाम आला नेता उपस्थित रहेंगे. इतना ही नहीं, ममता सरकार पर दबाव डालने के लिए सिलीगुड़ी के निकट सुकना में भी एक जनसभा का आयोजन किया जा रहा है. गोजमुमो सूत्रों ने बताया कि इस जनसभा में मुख्य रूप से समतल क्षेत्र के गोजमुमो समर्थक आयेंगे. तराई व डुवार्स से भारी संख्या में गोजमुमो समर्थकों को इस जनसभा में लाने की तैयारी की जा रही है. सुकना में 4 दिसंबर को जनसभा होना है. इतना ही नहीं, दिल्ली में भी गोजमुमो समर्थक आंदोलन करेंगे. धरना एवं रैली आदि की तैयारी की जा रही है. राज्य सरकार तथा गोजमुमो के बीच सिर्फ गोरखालैंड को लेकर ही नहीं, बल्कि पंचायत चुनाव को लेकर भी टकराव तय है.

राज्य सरकार दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में दो स्तरीय पंचायत चुनाव कराना चाहती है, जबकि गोजमुमो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की मांग पर अड़ा हुआ है. गोजमुमो नेता बिमल गुरूंग ने तो दो स्तरीय पंचायत चुनाव कराने की स्थिति में हाई कोर्ट जाने तक की धमकी दी है. बिमल गुरूंग का कहना है कि जीटीए के गठन को लेकर जो त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, उसमें पहाड़ पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की बात है. जबकि राज्य सरकार दो स्तरीय पंचायत चुनाव कराकर गोजमुमो को कमजोर करने की साजिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, गोजमुमो के जनाधार में कोई कमी नहीं आयेगी. आने वाले जीटीए तथा पंचायत चुनाव में गोजमुमो एक बार फिर से अपना ताकत दिखायेगी. विधानसभा चुनाव के समय भी गोजमुमो ने पर्वतीय क्षेत्र की तीनों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी भी कीमत पर गोजमुमो को हराना चाहती थी. जीटीए एवं पंचायत चुनाव में एक बार फिर तय हो जायेगा कि पहाड़ पर तृणमूल का नहीं, बल्कि गोजमुमो का जनाधार है.

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