नागराकाटा थाने की पुलिस जब चांदमुनी को ले जा रही थी, तो उसने कहा कि उसके बड़े भाई राजू मिंज जो कहते थे, वह सच हो जाता था. कुछ दिन पहले उसके एक भाई का बेटा बीमार था. जब उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो राजू मिंज ने ऐसा करने से रोकने की कोशिश की. उसने कहा कि अस्पताल ले जाने से कोई फायदा नहीं होगा, लड़के की मौत हो जायेगी. इसके बावजूद उसे अस्पताल ले जाया गया. वह बुखार, सीने में दर्द, सिर दर्द से पीड़ित था. सुलकापाड़ा अस्पताल में बीते सोमवार को लड़के की मौत हो गयी. यहां तक कि लड़के को मिट्टी देने के लिए भी राजू मिंज नहीं गया. चांदमुनी ने कहा, ओझा ने बताया कि राजू एक डायन है. परिवार का एक सदस्य पहले भी राजू को मारने गया था, लेकिन वह बच गया था. राजू के जीवित रहने से परिवार के और लोगों की भी मृत्यु हो सकती थी. इसलिए हमलोग बुधवार को हथियार लेकर राजू के घर पहुंचे. इसके बाद राजू को गाठिया नदी के किनारे ले जाया गया. वहां उसकी पिटाई करने के बाद उसे में नदी में डुबो कर मार डाला गया. चांदमुनी ने यह पूरी कहानी हंसते-हंसते बतायी. चांदमुनी ने साफ कहा कि इस हत्या में बागान के ही चार युवकों ने उसका साथ दिया.
इस बारे में राजू मिंज की पत्नी लक्ष्मी मिंज ने बताया कि पिछले कई दिनों से चांदमुनी उसके परिवार से बार-बार यह कह रही थी कि दादा डायन है और उसे मार डालना होगा. राजू मिंज ने नागराकाटा थाने को इस बारे में मौखिक रूप से बताया भी था. गत बुधवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे चांदमुनी कुछ युवकों के साथ उसके घर पहुंची. वे लोग उसके पति को जबरन अपने साथ ले गये. अगले दिन गुरुवार की सुबह पुलिस ने गाठिया नदी से राजू का शव बरामद किया.
नागराकाटा थाने के ओसी अनिंद्य भट्टाचार्य ने बताया कि किस कारण से राजू मिंज की हत्या की गई, इसकी जांच उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर पुलिस कर रही है. चांदमुनी को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. हालांकि पुलिस राजू मिंज की हत्या के पीछे डायन का मामला होने के बारे में कुछ कहना नहीं चाह रही है.