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आद्रा : सीएम व जिप अध्यक्ष का सिर काटने की धमकी

आतंक : आड़सा हाटतला में सीपीआइ (माओवादी) पोस्टर मिलने से भारी दहशत तृणमूल अंचल कार्यालय, उप प्रधान के आवास पर लगे ये पोस्टर पुलिस अधीक्षक का दावा- माओवादियों के नहीं, स्थानीय साजिश ग्राम पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर होना है मतदान आद्रा : पुरुलिया जिले के माओवादी प्रभावित इलाका में आड़सा थाना इलाका […]

आतंक : आड़सा हाटतला में सीपीआइ (माओवादी) पोस्टर मिलने से भारी दहशत
तृणमूल अंचल कार्यालय, उप प्रधान के आवास पर लगे ये पोस्टर
पुलिस अधीक्षक का दावा- माओवादियों के नहीं, स्थानीय साजिश
ग्राम पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर होना है मतदान
आद्रा : पुरुलिया जिले के माओवादी प्रभावित इलाका में आड़सा थाना इलाका चर्चित है. एक समय आड़सा थाना इलाके को सीपीआइ (माओवादी) का गढ़ माना जाता था. यहां कई माकपा नेताओं को हत्या माओवादियों ने की थी. शनिवार की सुबह आड़सा हाटतला इलाके में स्थित आड़सा अंचल तृणमूल कार्यालय से सफेद कागज पर लाल रंग से लिखे माओवादी कई पोस्टर पाये जाने से इलाके में दहशत है. स्थानीय पुलिस ने इन पोस्टरों को जब्त कर लिया है.
पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार ने दावा किया कि वे पोस्टर माओवादियों के नहीं है. दहशत फैलाने के लिए स्थानीय स्तर पर यह हरकत की गयी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आड़सा अंचल तृणमूल कार्यालय तथा आड़सा ग्राम पंचायत के तृणमूल उपप्रधान तथा आसारमड़ी गांव निवासी तरुपद महतो के घर के समक्ष भी इस तरह के कई पोस्टर पाये गये. पोस्टरों की खबर मिलते ही आड़सा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और इन पोस्टरों को अपने कब्जे में लिया. पोस्टर में उन्हें माओवादी होने का दावा किया गया है.
इस पोस्टरों में लिखा था- (1) मुख्यमंत्री के अगले दौरे से पहल उनका सर चाहिए (2) जिला परिषद के कार्यो में विकास सही तरीके से नहीं हो रहा है, घोटाला होने से जिला परिषद अध्यक्ष का सर चाहिए- भानु माओवादी ’ (3) 16 अगस्त प्रधान हटाने के दौरान झमेला होने पर विफल बीडीओ का सर चाहिए – नि:शब्द क्रांति (4) गंठबंधन के पक्ष में प्रधान नहीं होने पर खेत्रपाल की तरह शहीद होना होगा – विप्लव दास ’. हालांकि पुलिस अधीक्षक श्री कुमार ने इन पोस्टरों में सीपीआइ (माओवादी) का हाथ होने से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि इस पोस्टरों के बारे में छानबीन चल रही है.
मालूम हो कि कुल 17 सीटों वाली आड़सा ग्राम पंचायत में छह सीटों पर तृणमूल, छह सीटों पर माकपा, तीन सीटों पर कांग्रेस, एक सीट पर जेएमएम तथा एक सीट पर निर्दल की जीत हुयी थी. ाृणमूल ने माकपा के सहयोग से धीरेन मांझी (टीएमसी) को प्रधान तथा तरुपद महतो (टीएमसी) को उपप्रधान बनाया था. पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तथा माकपा के बीच गंठबंधन होने से इस ग्राम पंचायत में भी कांग्रेस तथा माकपा मिल कर प्रधान तथा उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. पर आरोप है कि प्रधान ने सत्ता पक्ष के होने के कारण प्रशासन की मदद से अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान ही नहीं होने दिया.
पर 16 अगस्त को यहां प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पुन: मतदान होना है. इससे तीन दिन पहले इन पोस्टरों के पाये जाने से इलाका दहशत के साथ साथ राजनीतिक महल में जोरदार चर्चा आरंभ हो गयी है. तृणमूल ने इस पोस्टरों के पीछे माकपा एवं कांग्रेस गंठबंधन का हाथ बताया है. जबकि गंठबंधन ने इसे बेबुनियाद आरोप बताया है.

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