इतना ही नहीं, रोक के बाद भी जंगल से गुजरने वाली सड़कों पर तेज रफ्तार के साथ वाहनों की आवाजाही देखी गई. यहां उल्लेखनीय है कि जलपाईगुड़ी के गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान में बीचाभांगा से गोरूमारा के मुख्य दरवाजे तक करीब दस किलोमीटर सड़क पर वाहनों के धक्के से अक्सर ही जंगली जानवरों की मौत की घटना घटती है. इसके अलावा हाथी के साथ सेल्फी लेने के चक्कर में एक युवक की भी मौत हो गई है. इसी संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए एक स्वयंसेवी संगठन की मदद से पुलिस तथा वन विभाग ने जागरूकता अभियान की शुरूआत की है. मंगलवार को इसी अभियान पर सभी अधिकारी निकले थे.
गोरूमारा वन्य प्राणी विभाग के सहकारी वन अधिकारी बादल देवनाथ ने बताया है कि जंगल से गुजरने वाली सड़क पर आम लोग काफी तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं. वाहन के धक्के से पिछले आठ महीने के अंदर कई जंगली जानवरों की मौत हो गई है. इसके अलावा अक्सर ही इस सड़क पर हाथी निकलते हैं. हाथियों को देख युवक तथा उत्साहित लोग उसके नजदीक चले जाते हैं और मोबाइल फोन के कैमरे से उसकी तस्वीर लेने लगते हैं. कई मौके पर हाथी भड़क जाता है और हमला कर देता है. हाथी के हमले में एक युवक की मौत भी हो चुकी है. कई लोग बाल-बाल बचे हैं. मंगलवार को जब यह सभी अधिकारी जागरूकता अभियान पर निकले थे तब हाथियों के कोरीडोर पर ही कई प्रेमी युगल गलबहियां करते देखे गये. इसके अलावा कई स्थानों पर शराब की बोतलें भी पायी गई हैं. हाथियों के कोरीडोर में इस तरह से प्रेमी युगलों का बैठना काफी खतरनाक है. कभी भी हाथी निकल कर इन पर हमला कर सकता है. कई प्रेमी युगलों को पुलिस ने आज पकड़ा. हालांकि बाद में सभी को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. उन्होंने आगे बताया कि वन क्षेत्र में 25 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही गाड़ियां चलायी जा सकती हैं. इस नियम का पालन कोई नहीं कर रहा है. 60 से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चलायी जा रही हैं.