वन विभाग ने बैराज से जुड़े अधिकारियों से अनुरोध किया है कि तीस्ता बैराज से और पानी नहीं छोड़ा जाये. घटनास्थल पर गोरूमारा नेशनल पार्क, बैकुंठपुर वन कार्यालय के कर्मचारी पहुंचे हुए हैं. खबर लिखे जाने तक हाथी नदी के बीच में ही फंसा हुआ था. वन विभाग के कर्मियों का मानना है कि जब तक नदी का जलस्तर कम नहीं होता, हाथी को बाहर नहीं निकाला जा सकेगा. इधर नदी में फंसे हाथी को देखने के लिए भारी भीड़ लगी हुई है. वन्यप्राणी विभाग की वनपाल सुमिता घटक और बैकुंठपुर वन विभाग के डीएफओ प्रियरत्न प्रधान ने बताया कि सिंचाई विभाग के माध्यम से बैराज के और तीन गेट खोलकर जलस्तर कम करके हाथी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. जलस्तर कम हो जाने पर हाथी अपने आप बाहर निकल आयेगा. इसके अलावा और कोई उपाय नहीं दिखता.
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तीस्ता नदी पार करते समय हाथी पानी में फंसा
जलपाईगुड़ी. नदी पार करते समय जलपाईगुड़ी के गाजलडोबा में तीस्ता नदी में एक पूर्णवयस्क दंतैल हाथी फंस गया. सुबह तीस्ता नदी में जलस्तर अचानक बढ़ जाने से हाथी पानी से घिर गया. हाथी गाजलडोबा बैराज के पास नदी पार करते समय इस विपत्ति में पड़ गया. स्थानीय निवासी विधान राय ने बताया, गुरुवार तड़के हाथियों […]
जलपाईगुड़ी. नदी पार करते समय जलपाईगुड़ी के गाजलडोबा में तीस्ता नदी में एक पूर्णवयस्क दंतैल हाथी फंस गया. सुबह तीस्ता नदी में जलस्तर अचानक बढ़ जाने से हाथी पानी से घिर गया. हाथी गाजलडोबा बैराज के पास नदी पार करते समय इस विपत्ति में पड़ गया.
स्थानीय निवासी विधान राय ने बताया, गुरुवार तड़के हाथियों का एक दल नदी पार करके बैकुंठपुर जंगल जा रहा था, तभी उनमें से एक हाथी पानी में घिर गया. इस बारे में खबर पाकर वन विभाग के विभिन्न इलाकों से स्क्वॉड कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे. हाथी को किस तरह बाहर निकाला जाये, इसे लेकर वनकर्मी भी असमंजस में हैं.
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