उसके पिता हुमायूं कबीर एमएसके संप्रसारक पद पर कार्यरत हैं और माता फरीदा बीबी गृहिणी हैं. फरहाद की छोटी बहन उसी के स्कूल में आठवीं में पढ़ती है. मंगलवार को सुबह नतीजे आते ही मोहल्ले के पड़ोसी फरहाद के घर पहुंच गये. स्कूल के शिक्षक-शिक्षिका और दोस्त भी पहुंचे. सभी ने खुशी में डूबते हुए मुंह मीठा किया. फरहाद को बांग्ला में 90, अंगरेजी में 94, गणित में 100, जीवन विज्ञान में 100, भौतिक विज्ञान में 99, इतिहास में 96 और भूगोल में 97 अंक मिले हैं. टेस्ट में उसे 665 अंक मिले थे.
उसे राजनीति में कोई खास दिलचस्पी नहीं है. वह भविष्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता है. उसे सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक और व्हाट्सऐप काफी पसंद है. वह क्रिकेट खेलने और कहानियों की किताबें पढ़ने में भी समय देता है. इसके अलावा वह पांच-छह घंटे पढ़ाई करता है और परिवार के साथ समय बिताता है. फरहाद के पिता हुमायूं कबीर ने बताया कि हमारा पुराना घर मानिकचक के नारायणपुर गांव में था. लेकिन सन 1998 में गंगा के कटाव में उनका घर बह गया. इसके बाद से हम मानिकचक बस स्टैंड के पास किसी तरह घर बनाकर रह रहे हैं. जो भी हो, बेटे की सफलता से बहुत खुशी मिली है. वह आगे चलकर इंजीनियरिंग पढ़ना चाहता है. वह बचपन से ही देश के पूर्व राष्ट्रपति एपेजी अब्दुल कलाम को लेकर बहुत जिज्ञासु था और उनके बारे में अनेक सवाल किया करता था. घर में डॉ कलाम का फोटो और उनकी किताब भी है. फरहाद उन्हीं को आदर्श मानकर कुछ करना चाहता है.