ममता बनर्जी के साथ वह शुरू से ही हैं. मालदा से तृणमूल उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा होने के साथ ही उनके समर्थक प्रचार में उतर चुके हैं.तृणमूल में शामिल होने के बाद ममता बनर्जी ने दुलाल सरकार को मालदा में माकपा विरोधी आंदोलन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे इन्होंने निभाया. पिछले 28 वर्षों से दुलाल सरकार ममता बनर्जी के अनुयायी हैं.
माकपा का नाम सुनने से जैसे ममता बनर्जी तिलमिला उठती है उसी तरह दुलाल सरकार को भी यह नाम पसंद नहीं है. तृणमूल से उम्मीदवारी मिलने के बाद से वह मालदा विधानसभा केंद्र जमकर चुना प्रचार कर रहे हैं.उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के नगरपालिका चुनाव में ओल्ड मालदा नगरपालिका में कांग्रेस,भाजपा और माकपा में अघोषित गठबंधन हुआ था. इसके वाद भी दुलाल सरकार को हरा नहीं पाये. दुलाल सरकार के बल पर ही तृणमूल ने ओल्ड मालदा नगरपालिका पर कब्जा जमाया था. दुलाल सरकार के आगे कांग्रेस व माकपा गठबंधन कमजोर दिख रही है.
एक तृणमूल उम्मीदवार के रूप में दुलाल सरकार इलाके में घर-घर जाकर समर्थन की अपील कर कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नागरिकों ने देखा है कि ममता बनर्जी की सरकार ने बंगाल कितना विकास किया है. शहर से लेकर गांव तक पक्की सड़क है. पेयजल की समस्या का काफी हद तक समाधान हो चुका है.
गांव के प्रत्येक घर तक चिकित्सा व्यवस्था पहुंचायी गयी है. उन्होंने बताया कि नागरिक माकपा व कांग्रेस के गठबंधन पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं. ममता राज में आम नागरिक भी विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं.