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ग्रेटर कूचबिहार आंदोलन से रेलवे को करोड़ों का नुकसान
अलीपुरद्वार डिवीजन को सबसे ज्यादा क्षति सिलीगुड़ी : अलग कूचबिहार राज्य बनाने की मांग को लेकर ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन(जीसीपीए) के आंदोलन की वजह से रेलवे को करोड़ों रुपये का चूना लगा है. खासकर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अलीपुरद्वार डिवीजन को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. अकेले पैंसेजर ट्रेनों में यात्रियों के टिकट […]
अलीपुरद्वार डिवीजन को सबसे ज्यादा क्षति
सिलीगुड़ी : अलग कूचबिहार राज्य बनाने की मांग को लेकर ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन(जीसीपीए) के आंदोलन की वजह से रेलवे को करोड़ों रुपये का चूना लगा है. खासकर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अलीपुरद्वार डिवीजन को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. अकेले पैंसेजर ट्रेनों में यात्रियों के टिकट से ही डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक नुकसान हुआ है़ मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेनों में टिकट की बिक्री तथा मालभाड़े से हुए नुकसान का आंकड़ा अलग है.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ पी जे शर्मा का कहना है कि करीब चार दिनों तक कूचबिहार आंदोलन की वजह से ना केवल रेल यात्रियों को परेशानी हुई, अपितु रेलवे को भी काफी नुकसान हुआ. इस बीच, ग्रेटर कूचबिहार समर्थकों का आंदोलन खत्म होने के बाद धीरे-धीरे यहां स्थिति सामान्य हो रही है.
मंगलवार को शाम करीब चार बजे पुलिस ने न्यू कूचबिहार स्टेशन में रेलवे ट्रैक पर बैठे सभी आंदोलनकारियों को खदेड़ दिया. उसके बाद रेलवे सेवा बहाल करने की कोशिश शुरू हुई. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे लाइन के खुल जाने के बाद पहले विभिन्न स्टेशनों पर रुकी मालगाड़ियों को रवाना किया गया.
उसके बाद दूरगामी यात्री ट्रेनों को भी रवाना किया गया. ऐसे रेलवे ने मंगलवार को पहले ही कई ट्रेनें रद्द कर दी थीं. बुधवार से सभी रद्द ट्रेनों को बहाल कर दिया गया. जीसीपीए के आंदोलन की वजह से रेलवे ने कुल 26 ट्रेनें रद्द कर दी थीं. अलीपुरद्वार स्टेशन पर मुख्य रूप से पैसेंजर ट्रेनों के टिकट की बिक्री सबसे अधिक होती है. चार दिनों से आंदोलन की वजह से इस स्टेशन से एक भी टिकट की बिक्री नहीं हुई. इसके अलाव पार्सल की भी बुकिंग कराने कोई नहीं आया.
क्या कहा रेलवे ने
अलीपुरद्वार के डिवीजनल कॉमर्शियल मैनेजर बसंत कुमार दास का कहना है कि इस आंदोलन की वजह से सबसे अधिक हानि अलीपुरद्वार डिवीजन को हुई है. उन्होंने बताया कि न्यू अलीपुरद्वार से न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू कूचबिहार से बामनहाट, न्यू अलीपुरद्वार से धुबड़ी रूट पर पैसेंजर ट्रेनें बंद रहीं. चार दिनों तक सभी ट्रेनों के बंद रहने से करोड़ों का नुकसान हुआ. उन्होंने बताया कि अभी कुल हानि का आंकड़ा सामने नहीं आया है. इसपर काम चल रहा है.
क्या है मामला
यहां उल्लेखनीय है कि अलग कूचबिहार राज्य की मांग को लेकर जीसीपीए समर्थक न्यू कूचबिहार रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन कर रहे थे. तीन दिनों के आंदोलन के बाद चौथे दिन मंगलवार को रेल प्रशासन और राज्य सरकार की नींद खुली और आंदोलन कर रहे ग्रेटर समर्थकों को रेल पटरियों से खदेड़ दिया.
इनलोगों द्वारा रेल रोको आंदोलन की वजह से स्थिति काफी भयावह हो गयी थी. ग्रेटर कूचबिहार समर्थक भारी संख्या में न्यू कूचबिहार स्टेशन तथा इसके आसपास जमे हुए थे. पूरे स्टेशन को एक तरह से उन्होंने अपने कब्जे में ले लिया था. रेलवे पटरियों पर झंडा एवं बैनर लेकर वे बैठे हुए थे.
पिछले चार दिनों से रेल सेवा पर इस आंदोलन की वजह से भारी असर पड़ा . इस रूट से ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रही. आंदोलन की वजह से तीन रेल यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत भी हो गयी़
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