सिलीगुड़ी: पुलिस आयुक्त के जयरमण यह कह कर विदा हो गये कि मैंने जो कदम उठाया जनता के हित के लिए! लेकिन उनके जाते ही एसजेडीए विभाग की विभिन्न फाइलों से विभिन्न तरह के भूत निकल रहे हैं. घोटाले की अनछूई कहानी बयां कर रहे हैं.
हवाई परियोजना की पोल -खोल हो रही है. किरण चंद्र श्मशान घाट में विद्युत चुल्हा हो, कोल्ड स्टोरेज परियोजना हो, जोरापानी में गड्ढा भरने वाली योजना हो, लैंप पोस्ट हो, टी पार्क परियोजना हो या कावाखाली में फिल्म सिटी का निर्माण हो. यादवपुर यूनिवर्सिटी जांच कमेटी ने 13 सितंबर को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, उससे विगत दो साल में हुये सैकड़ों करोड़ के घोटाला का सच सामने आ गया है. लेकिन वह ऑफिसयल रूप से सामने नहीं आया है. जो हो इस घोटाला की जांच के लिए वाममोरचा बिना राजनैतिक बैनर के एक जनहित याचिका इसी सप्ताह दायर करेगी. पूर्व नगर विकास मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य ने बताया कि एसजेडीए का पैसा न वाम मोरचा का है न तृणमूल का है. यह जनता का पैसा है. इसलिए जनहित के लिए मैं आंदोलन करूंगा. वें सोमवार को अनिल विश्वास भवन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
पुलिस आयुक्त का तबादला पहले से तय था
पूर्व नगर विकास मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य ने कहा कि पुलिस आयुक्त का तबादला होने वाला है. और उनका तबादला कर दिया जायेगा. इसकी धमकी उन्हें सप्ताह भर पहले से एक मंत्री धमकी दे रहे थे कि ज्यादा जिलाधिकारी से पूछताछ मत करो. वरना तबादला कर दूंगा! पुलिस आयुक्त ने गिड़गिड़ाने के बजाय जवाब दिया था कि मैं किसी से नहीं डरता! तबादला होगा तो होगा! ..और वही हुआ भी. पूर्व नगर विकास मंत्री ने कहा कि मालदा में मुख्यमंत्री का आना और दो घंटे तक मालदा के जिलाधिकारी और पूर्व सीईओ गोदाला किरण कुमार से बिना किसी सरकारी एजेंडे के बातचीत बहुत कुछ संकेत करता है.
घोटाला को देख कर ज्योत्सना अग्रवाल ने दिया त्याग-पत्र
पूर्व नगर विकास मंत्री ने कहा एसजेडी घोटाला में कई बोर्ड मेंबर शामिल थे. सदस्या ज्योत्सना अग्रवाल इसे देखते हुये त्याग-पत्र दे दिया. मंत्री गौतम देव बता सकते है कि ज्योत्सना अग्रवाल ने क्यों त्याग-पत्र दिया?
एमएलए, पार्षद सहित विभिन्न अधिकारियों को पद और रुतबा के हिसाब से मिला कमीशन
पूर्व नगर विकास मंत्री ने आरोप लगाया कि एसजेडीए का खजाना लूटने में विधायक डॉ रूद्रनाथ भट्टाचार्य, पूर्व सीइओ गोदाला किरण कुमार के साथ एमएलए शंकर मालाकार, रंजनशील शर्मा सहित विभिन्न अभियंता शामिल हैं, जिन्हें कद और रूतबा के हिसाब से पॉकेट भरा गया. एक एसीटेंट इंजीनियर को गलत कार्य करने के लिए चीफ इंजीनियर बना दिया गया. यादवपुर यूनिवर्सिटी जांच कमेटी के अनुसार किरण चंद्र श्मशान घाट में विद्युत चुल्हा के लिए 70 करोड़ दे दिये गये. लेकिन विद्युत चुल्हा का कोई खांचा तक भी नहीं खिंचा गया. पुलिस आयुक्त आइआईटी थे. इसलिए उन्होंने इन अभियंताओं के भूल को समझ लिया. तमाम राजनीतिक दबावों के बावजूद उन्होंने सच को सामने रखने का प्रयास किया.
काम होने से पहले ठेकेदार का चेक तैयार रहता है
एसजेडीए के कई परियोजना बिना डीएबीपी के पास किया गया. काम हुआ नहीं की ठेकेदार का पैसा तैयार. पूर्व नगर विकास मंत्री ने बताया कि जब मैं चेयरमैन था तो मैं भी सब कुछ नहीं जानता था. सोच -समझकर हस्ताक्षर करता था. हमारे अभियंता बताते थे कि पैसा कई किश्तों में तथा काम देखकर दिये जाने चाहिए.लेकिन यहां सीसीटीवी कैमरा की क्वालिटी भी खराब और दोगुने -चौगुने दाम पर पैसा दिया गया. यह मैं नहीं यादवपुर यूनिवर्सिटी जांच रिपोर्ट कहती है.