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गोरखालैंड की हुंकार

ऑल इंडिया लेफ्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की जनसभा दाजिर्लिंग : क्रामाकपा के तत्वावधान में आयोजित स्थानीय सुमेरू मंच में ऑल इंडिया लेफ्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की जनसभा आज संपन्न हुई. उक्त जनसभा में देश के विभिन्न हिस्सों से आये नेताओं ने हिस्सा लिया. जनसभा को संबोधित करते हुए वाम नेता बासुदेव दास ने कहा कि गोरखालैंड की […]

ऑल इंडिया लेफ्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की जनसभा

दाजिर्लिंग : क्रामाकपा के तत्वावधान में आयोजित स्थानीय सुमेरू मंच में ऑल इंडिया लेफ्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की जनसभा आज संपन्न हुई. उक्त जनसभा में देश के विभिन्न हिस्सों से आये नेताओं ने हिस्सा लिया. जनसभा को संबोधित करते हुए वाम नेता बासुदेव दास ने कहा कि गोरखालैंड की मांग गोरखा व बंगाली के बीच का सवाल नहीं है.

यह मांग गोरखा समुदाय की पहचान व भूमि से जुड़ी हुई है. यह गोरखा समुदाय की पहचान का सवाल है. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड की मांग असंवैधानिक नहीं है. उनका कहना था कि गोरखा व नेपाली मजदूर व आदिवासी मजदूरों में कोई फर्क नहीं है.

तराई व डुआर्स में जिस तरह से चाय मजदूरों को सुविधा मिलती है, उसी तरह की सुविधा पहाड़ के चाय बगान श्रमिकों को भी मिलनी चाहिए.

मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए उनका कहना था कि वह यहां आकर विभाजन की नीति अपना रही है. लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसे जल्द बंद करना होगा. गिरफ्तार लोगों को नि:शर्त रिहा करना होगा. वहीं स्वामी कुमार फिंचू ने अपने संभाषण में कहा कि गोरखाओं को गोरखालैंड देना ही होगा.

इस मांग को लेकर उनका आंदोलन यथावत रहेगा. आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया जा रहा है. भाकपा माले के नेता अभिजीत मजूमदार ने गोरखालैंड की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि इस मांग को लेकर उनकी पार्टी क्रामाकपा के साथ है.

महाराष्ट्र से आये उदय भट्ट ने कहा कि जब तक गोरखालैंड का गठन नहीं हो जाता है, तब तक वे लोग इस आंदोलन में साथ रहेंगे. क्रामाकपा नेता आरवी राई ने कहा कि गोरखालैंड को लेकर सामूहिक आंदोलन की जरूरत है. उनका कहना था कि आंदोलन जनता के लिए होना चाहिए. जनता को परेशान करने के लिए कोई आंदोलन नहीं हो.

उन्होंने कहा कि गोरखालैंड ज्वाइंट एक्शन कमेटी के गठन का मुख्य लक्ष्य जीटीए को खारिज कर गोरखालैंड आंदोलन को आगे बढ़ाना था. कई बार बैठक भी हुई. अब इसके बैठक की कोई औपचारिकता नहीं रह गयी है.

दूसरी पार्टियां दोहरा रवैया अपना रही है. दाजिर्लिंग के विभिन्न इलाकों से जनसभा में शामिल होने के लिए कई रैलियां आयीं. सभी रैली में वी वांट गोरखालैंड का नारा ही सुनायी पड़ रहा था.

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