सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के निकट जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज के फाटापुकुर में पिछले दिनों हुई डकैती के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. इस पूरे मामले पर अब तक रहस्य कायम है. डकैती हुई भी थी या नहीं, यह भी अपने आप में रहस्य बना हुआ है. डकैती कांड को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस तथा विरोधी दल के नेता व समर्थक आपस में टकरा गये हैं. एक ओर जहां तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि डकैती की कोई घटना घटी ही नहीं, बल्कि जमीन विवाद को इतना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
दूसरी ओर वाम मोरचा खासकर माकपा के नेता इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस को घेरने में लगी हुई है. दूसरी तरफ पुलिस अभी भी डकैती के इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा पायी है. जलपाईगुड़ी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. अब तक इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता मनोरंज साहा सहित जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उन सभी को रिहा कर दिया गया है. पुलिस इनसे कोई ठोस सुराग नहीं जुटा पायी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. अभी तक इस मामले को लेकर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
जिन पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था उनसे पूछताछ के बाद कुछ खास पता नहीं चल सका. हालांकि जलपाईगुड़ी के एसपी आकाश मेघारिया का कहना है कि इस मामले में अभी भी एक व्यक्ति पुलिस की हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में बाहरी बदमाशों का भी हाथ हो सकता है. दूसरी तरफ माकपा ने इस मामले में हिरासत में लिये गये तृणमूल नेताओं की रिहायी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. माकपा नेताओं का कहना है कि यदि हिरासत में लिये गये तृणमूल नेता राजगंज डकैती कांड में शामिल नहीं थे तो आखिर किन बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस यह भी नहीं बता पा रही है.
माकपा के जिला सचिव सलील आचार्य का कहना है कि राजगंज में इतनी बड़ी डकैती हुई है, उसके बाद भी पुलिस अब तक डकैतों को नहीं पकड़ पायी है. इस घटना के करीब चार दिन होने को चले हैं, फिर भी पुलिस अंधेरे में हाथ-पांव मार रही है. उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगाया. माकपा की ओर से आज राजगंज इलाके में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया. उल्लेखनीय है कि शनिवार को सुधीर कुमार धारा नामक व्यक्ति के घर में डकैती हुई थी. आरोप है कि डकैतों ने जमकर लूट-पाट की और चार सदस्यों को पीट-पीटकर घायल भी कर दिया. पुलिस ने इस मामले में तृणमूल नेता मनोरंजन साह तथा चार अन्य लोगों को अपने हिरासत में लिया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया.