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सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव: सभी दलों ने की चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी, फिर गरमायेगा रामघाट विवाद

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव से पहले वार्ड नंबर पांच स्थित रामघाट श्मशान घाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर हुए विवाद के एक बार फिर से गरमाने की संभावना है. इस वार्ड पर न केवल वाम मोरचा, बल्कि तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस तथा भाजपा की भी नजर लगी हुई है. खासकर कांग्रेस ने […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव से पहले वार्ड नंबर पांच स्थित रामघाट श्मशान घाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर हुए विवाद के एक बार फिर से गरमाने की संभावना है. इस वार्ड पर न केवल वाम मोरचा, बल्कि तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस तथा भाजपा की भी नजर लगी हुई है.

खासकर कांग्रेस ने इस मुद्दे को नगर निगम चुनाव में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर ली है. पांच नंबर वार्ड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश यादव जो इस वार्ड से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे हैं, ने रामघाट मुद्दे को लेकर मंत्री गौतम देव के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. मंत्री गौतम देव ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामघाट इलाके में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर भूल होने की बात कही थी. मंत्री के इस बयान पर तगड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री यादव ने कहा है कि भूल मान लेने से कुछ नहीं होगा. मंत्री को यह भूल कोर्ट में स्वीकार करनी चाहिए. मंत्री को रामघाट आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेनी चाहिए.

श्री यादव ने कहा कि एक बार जब मंत्री ने अपनी भूल कबूल कर ली है, तो इससे स्पष्ट है कि मेरे सहित रामघाट आंदोलन से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे झूठे थे. उन्होंने कहा कि मंत्री दोहरी नीति अपना रहे हैं. एक ओर जहां अपनी भूल को स्वीकार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस आंदोलन में शामिल महानंद मंडल को राजनीतिक लाभ के लिए अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

श्री यादव ने कहा कि सिर्फ महानंद मंडल ही रामघाट आंदोलन से नहीं जुड़ा हुआ है, उनके सहित कई लोग बगैर किसी राजनैतिक बैनर के इस आंदोलन से जुड़े हैं. ऐसे में रामघाट की समस्या को लेकर सिर्फ महानंद मंडल के साथ मंत्री गौतम देव बैठक कैसे कर सकते हैं. दरअसल इसके पीछे उनकी मंशा आगामी नगर निगम चुनाव में लाभ उठाने की है. श्री यादव ने कहा कि मंत्री गौतम देव ने महानंद मंडल की तब पिटायी की थी, जब वह तृणमूल कांग्रेस में ही था और रामघाट आंदोलन में जुड़ गया था. श्री यादव ने महानंद मंडल के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने संबंधी अटकलों पर कहा कि कौन किस पार्टी में शामिल होता है, वह उसका व्यक्तिगत निर्णय है. इस मामले में वह कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन महानंद मंडल शुरू से ही तृणमूल कांग्रेस का आदमी था. बीच में दिखावे के लिए उसने फारवार्ड ब्लॉक का दामन थामा. यदि वह तृणमूल के साथ हो जाता है, तो इसमें आश्चर्य कुछ भी नहीं है. श्री यादव ने कहा कि उनके ऊपर रामघाट आंदोलन के दौरान अकारण कई मुकदमे दर्ज कराये गये. वह 41 दिनों तक बेवजह जेल में रहे. श्री यादव ने मंत्री गौतम देव से रामघाट आंदोलन में शरीक लोगों से माफी मांगने की भी मांग की. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर पांच से चुनाव लड़ने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि यदि उनकी पार्टी उनकी पत्नी प्रतिमा यादव को टिकट देती है, तो वह चुनाव लड़ेगी.

क्या है गणित
वार्ड नंबर पांच में वर्ष 2009 में 6374 मतदाता थे और यहां से पिछले नगर निगम चुनाव में फॉरवार्ड ब्लॉक के अमरनाथ सिंह की जीत हुई थी. इस इलाके में गैर बंगाली मतदाताओं की संख्या काफी है. रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर पूरे वार्ड वासी एक हो गये हैं. रामघाट आंदोलन के लिए पांच नंबर वार्ड नागरिक मंच के बैनरतले आंदोलन हुआ. 23 से भी अधिक आंदोलनकारियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किये गये और राजेश यादव तथा महानंद मंडल सहित सभी लोग 41 दिनों तक जेल में रहे थे. वर्तमान में वहां विद्युत शवदाह चूल्हे का निर्माण कार्य बंद है और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लोगों में भारी रोष है.
क्या है मामला
रामघाट में पहले से ही श्मशान घाट है. वहां लकड़ी से शवदाह का काम होता है. उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय ने वहां चार करोड़ रुपये की लागत से विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण का निर्णय लिया. इसके निर्माण हेतु शिलान्यास करने जब मंत्री गौतम देव आये थे, तब स्थानीय लोगों ने प्रदूषण फैलने की दुहाई देकर शिलान्यास का विरोध किया था. आंदोलन की अगुवाई महानंद मंडल कर रहे थे. आरोप है कि मंत्री ने बातचीत के लिए महानंद सहित कुछ लोगों को बुलाया और पिटायी शुरू कर दी. उसके बाद इस आंदोलन ने विकराल रूप धारण कर लिया. पिछले वर्ष 26 नवंबर को हिंसक आंदोलन के दौरान पुलिस जीप में आग लगा दी गई थी और बड़े पैमाने पर संघर्ष की भी घटना घटी थी. उसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर वहां शवदाह चूल्हे का निर्माण कार्य बंद है. हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर दर्ज एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को वैध बताते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.

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