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महंगाई से जमाई षष्ठी का उत्साह फीका
कूचबिहार : बंगाल का लोकप्रिय पर्व जमाई षष्ठी को लेकर इस वर्ष महंगाई से उत्सव फीका नजर आ रहा है. बाजारों में मांस-मछली से लेकर सब्जी व मिठाई की कीमतें आसमान छू रही हैं. समस्या तो है पर नये जमाई को खुश करने के लिए सास-ससुर भी तत्पर है. कूचबिहार में सोमवार को हिलसा मछली […]
कूचबिहार : बंगाल का लोकप्रिय पर्व जमाई षष्ठी को लेकर इस वर्ष महंगाई से उत्सव फीका नजर आ रहा है. बाजारों में मांस-मछली से लेकर सब्जी व मिठाई की कीमतें आसमान छू रही हैं. समस्या तो है पर नये जमाई को खुश करने के लिए सास-ससुर भी तत्पर है.
कूचबिहार में सोमवार को हिलसा मछली 1200 रुपए प्रति किलो तक बिकी. वहीं बांग्लादेशी हिल्सा 2000 रुपए किलो के भाव रहा. आम के दाम जहां 70 से 80 रुपए किलो के बीच रहा, वहीं लीची 140 रुपए तक बिका. कूचबिहार के बाजारों में जमाई षष्टी को देखते हुए 700 ग्राम वजन का हिल्सा 700 रुपए प्रति किलो बिका. पाबदा मछली 400 रुपए, खस्सी का मांस 600, देशी मुर्गी 350 रुपए किलो तक पहुंच गया. साथ ही सभी सब्जियों की कीमतों में 10-20 रुपए तक इजाफा रहा. गृहस्थों को कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से व्यवसायी मुनाफाखोरी कर रहे है. वहीं व्यवसायियों का कहना है कि साल का एक बड़ा अनुष्ठान है, एक दिन तो कमाई का मौका मिलना ही चाहिए.
इस मौके को मिठाई व्यवसायी भी चुकना नहीं चाहते है. कूचबिहार के विभिन्न मिठाई दुकानों को कई प्रकार की मिठाईयों से सजाया गया है. शहर के एक मिठाई दुकान में एक किलो खोआ से रेहु मछली के आकार का मिठाई बनाया गया है. इसकी कीमत 600 रुपए रखी गयी है. इस मिठाई को खरीदने के लिए दुकानों पर जमाई की लाइन लगी रही.
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