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निवेशक के माध्यम से बागान चालू करने का किया फैसला

केरन चाय बागान. श्रमिकों का वर्तमान मालिक पक्ष पर से भरोसा टूटा श्रमिक संगठन ने 12 से बागान चालू करने की बात कही नये निवेशक के साथ सभी मजदूरों का हुआ समझौता नागराकाटा : मालिक पक्ष पर से केरन चाय बागान के श्रमिकों का भरोसा टूट गया है. श्रमिकों ने अब निवेशक के माध्यम से […]

केरन चाय बागान. श्रमिकों का वर्तमान मालिक पक्ष पर से भरोसा टूटा

श्रमिक संगठन ने 12 से बागान चालू करने की बात कही
नये निवेशक के साथ सभी मजदूरों का हुआ समझौता
नागराकाटा : मालिक पक्ष पर से केरन चाय बागान के श्रमिकों का भरोसा टूट गया है. श्रमिकों ने अब निवेशक के माध्यम से बागान चालू करने का फैसला लिया है. मंगलबार को बागान की मजदूर यूनियन की ओर से श्रम विभाग को यह जानकारी दी गयी. आगामी 12 फरवरी से चाय बागान खोलने की बात श्रमिक संगठन के नेताओं ने नागराकाटा में एक पत्रकार सम्मेलन करके दी.
तृणमूल से जुड़े नेताओं ने बताया कि गत तीन फरवरी को चाय बागान में श्रमिकों की एक सभा की गयी थी, जिसमें समस्त श्रमिकों ने बागान खोलने का समर्थन किया. बाद में एक निवेशक खोजकर सभी श्रमिकों ने एक साथ लिखित रूप में समझौता किया. उसी समझौता के मुताबिक 12 फरवरी को बागान खुलेगा. श्रमिकों को फिलहाल 132 रुपये 50 पैसे की पुरानी मजदूरी ही मिलेगी. सब स्टाफ और बाबू स्टाफ को दैनिक आधार पर वेतन दिया जायेगा. 2019 में 8.33 प्रतिशत की दर से बोनस दिया जायेगा. वार्षिक छुट्टी भी 2019 में ही दी जायेग. श्रमिकों को लगनेवाला सारा समान जैसे छाता, जूता, रुमाल, इत्यादि निवेशक प्रदान करेगा. स्थानीय विद्यार्थियों के स्कूल जाने के लिए स्कूल बस और बीमारों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी दी जायेगी.
श्रमिक नेताओं ने बताया कि बागान बंद हो जाने के बाद सरकार की ओर से मिल रहा मनरेगा का काम, आर्थिक सहयोग एवं अन्य सरकारी सुख-सुविधाएं यथावत रहेंगी. श्रमिकों के साथ समझौते के अनुसार, यदि बाद में कोई सरकारी तौर पर बागान का संचालन करना चाहेगा तो उसे निवेशक की ओर से बागान के लिए निवेश की गयी सारी रकम देनी होगी. भारत-भूटान सीमान्त पर स्थित केरन चाय बागान में 2016 में नोटबंदी होने के बाद समस्या उत्पन्न हुई थी. उस समय श्रमिकों की पांच मजदूरी बकाया रह गयी थी. बाद में 15 नवंबर को चाय बागान बंद हो गया था.
पत्रकार सम्मेलन में तृणमूल कांग्रेस के नागराकाटा ब्लॉक अध्यक्ष तथा चाय बागान तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन के नेता अमरनाथ झा ने बताया कि चाय बागान मालिक की ओर से बागान खोलने को लेकर कोई तत्परता नहीं देखे जाने के बाद श्रमिकों ने बाध्य होकर निवेशक के माध्यम से चाय बागान खोलने का निर्णय लिया है. संगठन के केरन चाय बागान यूनियन के अध्यक्ष सुरने मुंडा, सचिव हरि प्रसाद बड़ाइक, सह सचिव शनिराम उरांव ने बताया चाय बागान बंद हो जाने के बाद सरकारी सुविधा तो मिल रही है, लेकिन जीने के लिए रुपया-पैसा भी आवश्यक होता है. इस कारण हमारे पास बागान खोलने के अलवा और कोई चारा नहीं था. मालबजार के सहायक श्रम आयुक्त आर्थर होड़ो ने बताया कि निवेशक के माध्यम से चाय श्रमिक बागान खोल रहे हैं, यह उन्हें अभी पता चला है.

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