इसलिए सबों को एक-दूसरे के धर्म और धार्मिक भावनाओं पर आस्था रखने की जरुरत है. तृकां के इस पदयात्रा में सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल के नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा, पार्षद कृष्ण चंद्र पाल व अन्य सभी तृकां पार्षदों के अलावा मदन भट्टाचार्य, विकास सरकार के अलावा सैकड़ों की तादाद में तृकां के युवा, छात्र व महिला विंग के समर्थक शामिल हुए.
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तृणमूल व वाममोरचा ने मनाया काला दिवस, निकाली शांति पदयात्रा सर्वधर्म सद्भाव का संदेश
सिलीगुड़ी. आरएसएस और विहिप के के शौर्य दिवस के विरोध में तणमूल कांग्रेस (तृकां) और वामपंथियों ने बुधवार को काला दिवस मनाया. तकां ने शांति पदयात्रा के माध्यम से जहां ‘सर्व धर्म सद्भावना’ का संदेश दिया वहीं, वामपंथियों ने रैली के माध्यम से छह दिसंबर को काला दिन करार दिया. तृकां की शांति पदयात्राः दार्जिलिंग […]
सिलीगुड़ी. आरएसएस और विहिप के के शौर्य दिवस के विरोध में तणमूल कांग्रेस (तृकां) और वामपंथियों ने बुधवार को काला दिवस मनाया. तकां ने शांति पदयात्रा के माध्यम से जहां ‘सर्व धर्म सद्भावना’ का संदेश दिया वहीं, वामपंथियों ने रैली के माध्यम से छह दिसंबर को काला दिन करार दिया.
तृकां की शांति पदयात्राः दार्जिलिंग जिला युवा तृकां के बैनर तले स्थानीय बाघाजतीन पार्क से शहर में शांति पदयात्रा निकाली गयी. पदयात्र में शामिल सभी धर्मों के गुरुओं ने देश में अमन-चैन और सामाजिक सद्भाव के लिए प्रार्थना की. साथ ही सबों ने काला बैज लगाकर आज के दिन को काला दिवस के रुप में मनाया. पदयात्रा की अगुवायी दार्जिलिंग जिला तृकां के अध्यक्ष सह पर्यटन मंत्री गौतम देव ने किया. पदयात्रा बाघाजतीन पार्क से शुरु हुई और कचहरी रोड, हाशमी चौक हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़ होते हुए एयरव्यू मोड़ पहुंचकर समाप्त हो गयी. श्री देव ने तृकां के युवा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मां-माटी-मानुष की सरकार कभी भी हिंसा की राजनीति पर विश्वास नहीं करती. देश में अनेक धर्म और जाति के लोग एक साथ रहते हैं.
वामपंथियों की रैलीः दार्जिलिंग जिला वाम मोरचा के बैनर तले स्थानीय बाघाजतीन पार्क से शौर्य दिवस के विरोध में रैली निकाली गयी. रैली की अगुवायी दार्जिलिंग जिला वाम मोर्चा के संयोजक जीवेश सरकार, नक्सलपंथी संगठन सीपीआइ (एमएल) के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभिजीत मजूमदार के अलावा सभी वाम घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने की. रैली कचहरी रोड, हॉस्पिटल मोड़, हाशमी चौक, हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़ होते हुए एयरव्यू मोड़ पर पहुंचकर समाप्त हुयी. रैली में शामिल वामपंथियों को संबोधित करते हुए जीवेश सरकार ने कहा कि 1992 साल का छह दिसंबर देश के इतिहास का काला दिन था. सांप्रदायिक विचारधारा व मानसिकता से प्रेरित कुछ कथित राजनैतिक संगठनों ने मिलकर अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाया जो एक लोकतांत्रिक देश में सरेआम धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने जैसी थी. रैली में शामिल सभी वामपंथी नेता, कार्यकर्ता और समर्थकों ने काला बैज धारण कर काला दिवस का पालन किया.
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