जलपाईगुड़ी : जिले के अलीपुरद्वार लोकसभा क्षेत्र में चुनाव में किसकी जीत होगी यह पूरी तरह से चाय बहुल क्षेत्र व अनुसूचित जनजाति के वोट बैंक पर निर्भर कर रहा है. इस लोकसभा चुनाव में चाय बहुल क्षेत्रों के मुकाबले शहरी व ग्रामीण इलाके के विधान सभा क्षेत्रों में ज्यादा मतदान हुआ है.
जलपाईगुड़ी लोकसभा के चाय बगान बहुल इलाका माल विधान सभा में इसबार एक लाख 75 हजार 666 वोट डाले गये और मतदान प्रतिशत 82.39 रहा. धूपगुड़ी विधानसभा में एक लाख 99 हजार 483 वोट डाले गये,मतदान प्रतिशत 84.99 रहा.अलीपुरद्वार लोकसभा अंतर्गत नागराकाटा में सबसे कम वोट एक लाख 66 हजार 594 वोट डाले गये और मतदान प्रतिशत 81.65 रहा. मदारीहाट क्षेत्र में एक लाख 46 हजार 265 वोट डाले गये जो नागराकाटा से भी कम है.
कालचीनी में एक लाख 69 हजार 956 वोट (82.52 फीसदी) डाले गये. कुमारग्राम में एक लाख 94 हजार 336 वोट डाले गये. विगत विधानसभा चुनाव में नागराकाटा क्षेत्र को कांग्रेस ने माकपा से छीन लिया था. नागराकाटा पंचायत समिति वामो के दखल में चला गया था. फालाकाटा विधानसभा माकपा के हाथ से तृणमूल के कब्जे में चला गया. कालचीनी की पंचायत समिति कांग्रेस ने अपने कब्जे में ही रखा है. बाकी पंचायत समिति वामो के कब्जे में जाने के बावजूद तृणमूल ने जिला परिषद को अपने कब्जे से जाने नहीं दिया. विगत विधानसभा चुनाव में आदिवासी विकास परिषद ने चुनाव वहिष्कार किया था. विगत विधानसभा चुनाव में विकास परिषद कई नेताओं को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर काफी वोट मिले थे. इस बार लोकसभा चुनाव में आदिवासी विकास परिषद ने तृणमूल को समर्थन किया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता जॉन बारला व भाजपा के जिला अध्यक्ष द्वीपेन प्रामाणिक ने कहा कि चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन होने के कारण अलीपुरद्वार लोकसभा क्षेत्र में उनकी जीत की उम्मीद ज्यादा है. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विश्वरंजन सरकार ने कहा कि दोनों सीटों से ही कांग्रेस अच्छा रिजल्ट करेगी. तृणमूल के चुनाव निरीक्षक सौरव चक्रवर्ती ने कहा कि अलीपुरद्वार से जलपाईगुड़ी लोकसभा क्षेत्र में तृणमूल को ज्यादा वोट मिलेगी. दूसरी ओर, जिला वाम मोर्चा संयोजक कृष्ण बनर्जी का कहना है वाम मोर्चा दोनों सीटों पर ही अपना कब्जा जमायेगी. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जलपाईगुड़ी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा व तृणमूल के बीच लड़ाई होगी.