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बाढ़ पीड़ितों की मदद को एकजुट हुआ मालदा
मालदा : जिले के विभिन्न ब्लॉकों में बाढ़ पीड़ितों को राहत बांटने के मामले में मालदा के नागरिकों ने मिसाल कायम की है. स्कूल-कॉलेज के छात्रों से लेकर आम महिलाएं, गंभीरा कलाकार एवं किन्नर भी आगे बढ़कर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासियों के साथ-साथ आम लोग […]
मालदा : जिले के विभिन्न ब्लॉकों में बाढ़ पीड़ितों को राहत बांटने के मामले में मालदा के नागरिकों ने मिसाल कायम की है. स्कूल-कॉलेज के छात्रों से लेकर आम महिलाएं, गंभीरा कलाकार एवं किन्नर भी आगे बढ़कर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासियों के साथ-साथ आम लोग भी इस काम में जुटे हैं. रोटरी इंटरनेशनल और लायंस इंटरनेशनल जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आयी हैं. मोहल्ले के क्लब भी पीछे नहीं है. निजी तौर पर चलाये जा रहे राहत के प्रयासों की जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य व पुलिस अधीक्षक अर्णब घोष ने काफी प्रशंसा की है.
गुरुवार सुबह जिला प्रशासनिक भवन के सामने पहुंचे गंभीरा कलाकार. उन्होंने जनप्रिय गंभीरा संगीत के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों का दर्द बयान किया. इन कलाकारों के आवेदन पर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए उनकी झोली भर गयी. शाम को बामनगोला ब्लाक के छागलडांगा गांव में बाढ़ प्रभावित 200 आदिवासी परिवारों के करीब एक हजार लोगों के पास पहुंचे रोटरी क्लब आफ मालदा सेंट्रल एवं उसके युवा संगठन के 25 सदस्य. सूखा व पका भोजन मिलने पर बाढ़ पीड़ित आदिवासी परिवारों की आंखें नम हो गयीं.
यहां तक कि किन्नरों ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कर मानवता का प्रदर्शन किया. बस, ट्रेन में यात्रियों से मांग-मांग कर जीवनयापन के लिए जमा पूंजी से उनलोगों ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद की. इंगलिशबाजार नगरपालिका की पार्षद गायत्री घोष, अम्लान भादुड़ी, शुभमय बसु, आशीष कुंडू ने न केवल भोजन पकाया, बल्कि कमर में गमछा बांधकर लोगों में भोजन परोसा. यहां तक कि नगरपालिका के चेयरमैन निहार घोष एवं उप-चेयरमैन बाबला सरकार एक जगह से दूसरी जगह दौड़ते रहे. कांग्रेस सांसद मौसम नूर भी सुबह से सड़क पर उतरीं. कभी पैदल तो कभी नाव से वह बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच रही हैं. डीएम कौशिक भट्टाचार्य व एसपी अर्णव घोष लाइफ जैकेट पहनकर बाढ़ पीड़ित की मदद को उतरे हुए हैं.
इधर, मालदा में बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है. तीन मुख्य नदियों महानंदा, गंगा व फुलहार के पानी में कमी आयी है. इस वजह से जिलावासियों में कुछ राहत है. इसके बावजूद जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग के अधिकारी निश्चिंत नहीं हो पा रहे हैं. गुरुवार को भी महानंदा खतरे की सीमा से 1.71 मीटर ऊपर बही.
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