कोलकाता : नारद स्टिंग मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की सीबीआई की अपील पर कलकत्ता हाइकोर्ट में अब 7 जून को सुनवाई होगी. गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में लगातार चौथे दिन सुनवाई हुई थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया था. इसके बाद 5 जजों की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई की अगली तारीख सोमवार (7 जून) तय कर दी.
सीबीआई का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा. मामले की सुनवाई बृहत्तर बेंच में शामिल मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, इंद्र प्रसन्न मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और अरिजीत बनर्जी कर रहे हैं. गुरुवार को सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह आज अपना पक्ष पूरा करेंगे.
साथ ही तुषार मेहता ने कहा कि बृहत्तर बेंच में मामले को लेकर जो सवाल खड़े किये जा रहे हैं, वह सही नहीं हैं. उन्होंने कोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का भी उल्लेख किया. इस पर न्यायाधीश इंद्रप्रसन्न मुखर्जी ने कहा कि आपकी ओर से यदि कोई मेल भेजी गयी है अथवा कलकत्ता हाइकोर्ट के संज्ञान में लाया गया (जैसे- जनहित याचिका, रिट आदि) तो यह कोर्ट के समक्ष स्पष्ट नहीं है, जिसे आपकी ओर से किया जाना चाहिए था.
इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उनके द्वारा कोर्ट को भेजे गये संदेश में एकाधिक शिकायतें थीं, जिसमें एक जनहित याचिका भी थी. इस बीच, चारों आरोपियों की ओर से कल्याण बनर्जी ने बीच-बीच में अपना पक्ष रखा. जस्टिस सौमेन सेन ने सॉलिसिटर जनरल को कहा कि अम्पायर कितनी भी कोशिश कर ले, बैट्समैन के पास मौजूद फील्डर तो तंज कसता ही है.
इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हां, यह ठीक है और यह चलता रहता है. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य न्यायाधीश ही रोस्टर तय करते हैं और यह निर्धारित करते हैं कि कौन-सा मामला सुनवाई के लिए किसके पास स्वीकार किया जायेगा. आरोपियों के दूसरे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कुल मिलाकर यह देखा जा रहा है कि यह मामला अपने आप में विचित्र है.
...और कोर्ट का समय समाप्त हो गया
श्री सिंघवी ने कहा कि सीबीआई केवल भीड़ के पीछे पड़ी है. वह इस पर जोर दे रही है कि आखिर जिस दिन नेताओं की गिरफ्तारी हुई, उस दिन इतनी भीड़ क्यों इकट्ठा हुई. जबकि मामले के अन्य कई पहलू भी हैं. इसी बीच कोर्ट का समय समाप्त हो गया और आखिरकार यह तय किया गया कि मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
Posted By: Mithilesh Jha