‘सीबीआइ दफ्तर हटा देना चाहिए’
बेटी के साथ दुष्कर्म और हत्या को एक साल बीत चुका है. लेकिन अभया के परिवार का आरोप है कि अभी तक न्याय नहीं हुआ है.
जांच की पारदर्शिता पर उठाये सवाल
बैरकपुर. बेटी के साथ दुष्कर्म और हत्या को एक साल बीत चुका है. लेकिन अभया के परिवार का आरोप है कि अभी तक न्याय नहीं हुआ है. उनका मुख्य सवाल सीबीआइ जांच की पारदर्शिता को लेकर है. उनका कहना है कि अगर केंद्रीय जांच एजेंसी ने ठीक से जांच की होती, तो उनकी बेटी के साथ अत्याचार में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका होता. लेकिन एक साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ है.
दिल्ली से लौटने के बाद अभया के माता-पिता ने कहा कि अमित शाह व भाजपा से कहेंगे कि सीबीआइ कार्यालय को खत्म कर दिया जाये. सीबीआइ कार्यालय रखने का क्या मतलब है? वे शुक्रवार को पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा आहूत विरोध कार्यक्रम में श्यामबाजार पांचमाथा चौराहे पर शामिल हुए. उन्होंने कहा कि शनिवार को नवान्न अभियान में सीबीआइ की भूमिका के बारे में बात करेंगे. अभया के पिता के शब्दों में, ‘हमने सीबीआइ द्वारा तैयार की गयी 93 रिपोर्टों के आधार पर निदेशक से सवाल पूछे. लेकिन वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाये. अब एक साल बाद वह आकर कहते हैं कि वह केस छोड़ देंगे.’
इसके बाद उन्होंने गुस्से में कहा, ‘तो फिर सीबीआइ इतने समय से क्या कर रही थी? घास काट रही थी? सीबीआइ कार्यालय रखने की क्या जरूरत थी? बात सिर्फ सेटिंग की नहीं, बल्कि वित्तीय लेन-देन की भी है. मैं यह बात उनके सामने कह सकता हूं. मुझे अमित शाह से मिलना था. उन्होंने हमें सोमवार तक रुकने के लिए कहा था, लेकिन हम नहीं रुक सके.
जब हम बाद में मिलेंगे, तो मैं उनसे सीबीआइ कार्यालय को खत्म करने के लिए कहूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने दिल्ली की मुख्यमंत्री के हाथों से नारी शक्ति सम्मान लिया और उसे लौटा दिया. मैंने कहा, मैं इसे तभी लूंगा जब मेरी बेटी को न्याय मिलेगा. सीबीआइ निदेशक से अपनी मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमने सीबीआइ निदेशक को एक तख्ती दी जिसके पीछे एक सवाल लिखा था- ””””””””सीबीआइ, अपनी रीढ़ मजबूत करो, वरना इस्तीफा दो. जब उन्होंने तख्ती लौटायी, तो मैंने उनसे सीधे कहा कि सीबीआइ में रीढ़ नहीं है.
नवान्न अभियान में हम ये सवाल उठायेंगे. क्योंकि हम कोई राजनीति नहीं करते.’
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