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पुस्तकों के प्रकाशन के लिए सुदीप्त को पत्र भेजती थी लेखिका : कुणाल
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने चिटफंड कंपनियों से पार्टी नेताओं के संबंध पर हमला करते हुए कहा कि सारधा चिटफंड कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन अभी जेल में हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था कि कई किताब लिखने वाली लेखिका ने सुदीप्त सेन को पत्र भेज कर अपने पुस्तकों […]
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने चिटफंड कंपनियों से पार्टी नेताओं के संबंध पर हमला करते हुए कहा कि सारधा चिटफंड कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन अभी जेल में हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था कि कई किताब लिखने वाली लेखिका ने सुदीप्त सेन को पत्र भेज कर अपने पुस्तकों के प्रकाशन के लिए आर्थिक मदद मांगी थी.
गौरतलब है कि सांसद कुणाल घोष ने फेसबुक के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी व उनके नेताओं के खिलाफ अपना हमला जारी रखा है. वह फेसबुक पर लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.
इस संबंध में पार्टी नेताओं से पूछे जाने पर उन लोगों ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अपने फेसबुक पाेस्ट के माध्यम से कुणाल घोष ने कहा है कि नया चुनाव केंद्र व उसके आसपास के क्षेत्र के कई संगठन को रुपये देने के लिए सारधा कंपनी के मालिक को कई पुस्तकों की रचना करनेवाली लेखिका पत्र लिखती थी. हालांकि, कुणाल घोष ने इसमें किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका इशारा किसकी ओर है. उन्होंने कहा कि बहुत तकलीफ के कारण फेसबुक पर लिखना शुरू किया है. उनके खिलाफ एक तरफा गलत प्रचार किया गया. षडयंत्र पर जेल भेजा गया. उनके पास अपनी बातों को कहने तक का स्थान नहीं था. इसलिए अब वह फेसबुक के माध्यम से अपनी बातों को रख रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सारधा कंपनी के घोटाले की जांच ही सही प्रकार से शुरू नहीं हुई. पूरे मामले में पुलिस की भूमिका निष्पक्ष नहीं है. पुलिस ने सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेताओं के दबाव में आकर जांच की दिशा को ही दूसरी ओर मोड़ दिया था.
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