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भारत रिलीफ सोसाइटी का काम अनुकरणीय : राज्यपाल
कोलकाता. भारत रिलीफ सोसाइटी के तीन दशक पूर्ति समारोह के अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि भारत रिलीफ सोसाइटी ने विभिन्न क्षेत्रों में सेवा का जो काम किया है वह न केवल सराहनीय है, बल्कि अनुकरणीय है. संगीत कला मंदिर में दीप जलाकर कार्यक्रम का उदघाटन करने के बाद राज्यपाल […]
कोलकाता. भारत रिलीफ सोसाइटी के तीन दशक पूर्ति समारोह के अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि भारत रिलीफ सोसाइटी ने विभिन्न क्षेत्रों में सेवा का जो काम किया है वह न केवल सराहनीय है, बल्कि अनुकरणीय है. संगीत कला मंदिर में दीप जलाकर कार्यक्रम का उदघाटन करने के बाद राज्यपाल ने कहा कि समाज शुरू से ही कई तरह की समस्याओं से जूझता रहा है. समय के साथ-साथ समस्याओं के रूप में भी बदलाव आया, लेकिन स्वयंसेवी संस्थाओं का दायित्व नहीं बदला.
ज्यों-ज्यों वक्त गुजरता गया भारत रिलीफ सोसाइटी जैसी सामाजिक संस्थाओं का बोझ बढ़ता गया, फिर भी संस्था के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बगैर घबराये सेवा में जुटे रहे, यह प्रशंसनीय है. अपने संबोधन के पहले राज्यपाल ने सोसाइटी की ओर से जारी स्मारिका का विधिवत विमोचन किया. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में भजन सम्राट अनूप जलोटा ने भजन-रस की सरिता प्रवाहित की. निताशा अग्रवाल ने सहायक गायक की भूमिका में उनका साथ दिया. मौके पर रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चर के प्रमुख स्वामी सुपर्नानंद महाराज ने रामकृष्ण व स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों महान लोगों को इसलिए याद किया जाता है, क्योंकि दोनों ने दूसरों के लिए सोचा. बतौर विशिष्ट उद्योगपति पवन कुमार कानोडिया व हरिप्रसाद बुधिया ने भी अपनी बातें रखीं.
कार्यक्रम की शुरुआत में गणेश वंदना के दौरान पांच मिनटों में सुनीता खटोड़ ने भगवान गणेशजी की तसवीर बनाकर राज्यपाल को भेंट की. तीन दशक पूर्ति समारोह में चुनिंदा 27 लोगों को स्मृति चिन्ह देकर राज्यपाल ने सम्मानित किया. महावीर प्रसाद पेड़ीवाल, अजय कुमार गर्ग व बालकिशन माहेश्वरी मंचासीन रहे. प्रधान सचिव विश्वंभर नेवर ने संचालन किया. श्याम सुंदर शाह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. राधे श्याम सुल्तानिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संतोष कुल्थिया, गणेश पेड़ीवाल, नाथूराम गुप्ता, गोपी किशन कोठारी, राजकुमार दम्मानी, कुलदीप सोमानी, विक्रम नेवर, जयगोविंद इंदौरिया, जगदीश लाल गुप्ता, दिनेश सेठ, गोकुल मुरारका, सुधा बिड़ला, अमित मूंधड़ा व अन्य आयोजन की सफलता के लिए सक्रिय रहे. नेपाल के कौंसुल जनरल एकराम आर्याल, रवि पोद्दार, शिविर बाजोरिया, नारायण जैन, महावीर रावत, राज मिठौलिया, राजकुमार बोथरा, कृष्ण कुमार सिंघानिया, चंपालाल सरावगी, जयकुमार करनानी, जस्टिस राजेश कुमार मौजूद थे.
ये हुए सम्मानित : बालकृष्ण माहेश्वरी, जगदीश चंद्र मूंधड़ा, राधेश्याम सुल्तानिया, गोपी किशन कोठारी, नाथूराम गुप्ता, गणेश कुमार पेड़ीवाल, ब्रह्मदत्त ओझा, लालचंद सेन, दिनेश कुमार सेठ, कुलदीप सोमानी, राजेंद्र कुमार सुराणा, सुधा बिड़ला, मदनलाल बिन्नानी, भागचंद मूंधड़ा, राजकुमार दम्मानी, तारा बैद, महेश कोठारी, गुलाबचंद दुधानी, किरण प्रभुदास मानेक, हनुमान प्रसाद बजाज, फतेहचंद अग्रवाल, डॉ पलास बनर्जी, ममता मित्र, चित्रा विश्वास, सुभाष राय, शीला जालान एवं विश्वंभर नेवर.
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