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चार माह की बच्ची की मौत के बाद अपोलो में तोड़फोड़

कोलकाता. अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर एक बार फिर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा है. बुधवार को चार माह की एक बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा कर कथित तौर पर अस्ताल में तोड़फोड़ की. बच्ची को कोलोनोस्कॉपी के लिए अस्पताल में भरती करवाया गया था. कोलोनॉस्कॉपी के […]

कोलकाता. अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर एक बार फिर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा है. बुधवार को चार माह की एक बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा कर कथित तौर पर अस्ताल में तोड़फोड़ की. बच्ची को कोलोनोस्कॉपी के लिए अस्पताल में भरती करवाया गया था. कोलोनॉस्कॉपी के दौरान बच्ची को एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दी गयी थी. बाद में मासूम को होश नहीं आया और चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों की शिकायत पर एनेस्थीसिया देने वाले डॉक्टर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
क्या है मामला: ठाकुरपुकुर के नवपल्ली के रहने वाले बच्ची के पिता अभिजीत चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों की लापरवाही से उनकी मासूम बच्ची की मौत हुई है.
अभिजीत चक्रवर्ती ने कहा कि पेट व छाती में दर्द की शिकायत को लेकर पहले उन्होंने अपनी बेटी को इएसआइ अस्पताल में भरती कराया. लेकिन कोलोनोस्कॉपी के लिए 17 अप्रैल को बाइपास स्थित अपोलो अस्पताल में उसे भरती कराया. बुधवार को कोलोनोस्कॉपी से पहले उसे एनेसथीसिया (बेहोशी की दवा) दी गयी. इसके बाद बच्ची दोबारा नहीं जागी. बाद में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इससे परिजनों ने अस्पताल के अंदर रिसेप्शन के अलावा कुछ अन्य हिस्सों के कांच तोड़कर अपना गुस्सा जाहिर किया. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि चार माह की बच्ची की एनेसथीसिया के ओवरडोज से मौत हुई है. खबर पाकर फुलबागान थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. काफी देर तक पुलिस व गुस्साए लोगों में वाद-विवाद चलता रहा. बाद में पुलिस की सलाह पर मृत बच्ची के परिवार की तरफ से एनेसथीसिया देने वाले डॉक्टर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या की शिकायत दर्ज करायी गयी. दोपहर दो बजे तक स्थिति सामान्य हो गयी.
अस्पताल पर पहले भी लग चुका है आरोप: गौरतलब है कि पहले भी अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लग चुका है. हुगली के डानकुनी निवासी संजय राय सड़क हादसे में जख्मी हो गये थे. आरोप है कि उनकी चिकित्सा में लापरवाही बरती गयी, जिसके कारण उनकी मौत हो गयी. इसके बाद चिकित्सा में अतिरिक्त बिल भी परिवार वालों से वसूल करने का आरोप इस अस्पताल प्रबंधन के ऊपर लग चुका है. फुलबागान थाने की पुलिस इस मामले की पहले से जांच कर रही है.
जांच के िलए अस्पताल की कमेटी बनी : अपोलो अस्पताल के सीइओ राणा दास गुप्ता ने मृत बच्ची के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि बच्ची को जब अस्पताल में लाया गया था, उस समय उसकी स्थिति काफी नाजुक थी. उसका बेहतर इलाज करने की हर संभव कोशिश की गयी, लेकिन अंतत: कार्डियक अरेस्ट के कारण बच्ची को बचाया नहीं जा सका. चिकित्सा में किसी चूक का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. पूरी चिकित्सा प्रक्रिया की जांच की जायेगी.
अस्पताल के सीइओ को किया तलब: उधर, राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल के सीइओ राणा दास गुप्ता को तलब किया गया है. मेडिकल टीम के सामने उन्हें पूरी घटना का ब्योरा लेकर पेश होने को कहा गया है. स्वास्थ विभाग की तीन सदस्यीय मेडिकल टीम घटना की जांच कर रही है.
क्या है कोलोनोस्कॉपी: यह चिकित्सकीय परीक्षण है. इसमें एक पतले नरम ट्यूब (जिसे कोलोनोस्कॉप कहा जाता है) के माध्यम से डॉक्टर मरीज की बड़ी आंत में किसी गड़बड़ी का बारीकी से अध्ययन करते हैं. इसके माध्यम से बड़ी आंत में अल्सर, ट्यूमर, सूजन या रक्तस्राव का पता लगाया जाता है. कोलोनोस्कॉप में एक छोटा कैमरा लगा होता है.

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