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जनहित याचिका दायर

दस्तक. धूलागढ़ मामले की जांच के लिए हाइकोर्ट पहुंची भाजपा सोमवार को मामले की होगी सुनवाई पाचला के विधायक पर हिंसा फैलाने का आरोप कोलकाता : हावड़ा जिले के धूलागढ़ में दो समुदाय के बीच हुए हिंसक संघर्ष मामले की जांच की मांग करते हुए प्रदेश भाजपा की ओर से हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर […]

दस्तक. धूलागढ़ मामले की जांच के लिए हाइकोर्ट पहुंची भाजपा

सोमवार को मामले की होगी सुनवाई
पाचला के विधायक पर हिंसा फैलाने का आरोप
कोलकाता : हावड़ा जिले के धूलागढ़ में दो समुदाय के बीच हुए हिंसक संघर्ष मामले की जांच की मांग करते हुए प्रदेश भाजपा की ओर से हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रदेश भाजपा ने अपनी याचिका में मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. गौरतलब है कि दिसंबर महीने में हावड़ा जिले के धूलागढ़ में दो समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष हुआ था. वहां पर 100 से भी अधिक लोगों के घरों में आग लगा दी गयी थी. हिंसा में काफी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था, लेकिन उसके बाद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि वहां कोई घटना ही नहीं हुई है.
हालांकि वहां पर राज्य सरकार की ओर से काफी दिनों तक 144 धारा लगा गयी थी. इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रत्येक परिवार को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की थी. धूलागढ़ में आमलोगों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने न्यूनतम कार्रवाई भी नहीं की. इसके खिलाफ आमतला नागरिक अधिकार रक्षा कमेटी व दक्षिण 24 परगना में भाजपा के जिला अध्यक्ष अभिजीत दास ने राज्य सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है. याचिका में धूलागढ़ कांड को अंजाम देनेवाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गयी है. साथ ही वहां प्रत्येक पीड़ित परिवार को कम से कम पांच लाख रुपये मुआवजा देने को कहा गया है. इस याचिका में धूलागढ़ में हिंसा को फैलाने का आरोप लगाते हुए पाचला के विधायक गुलशन मल्लिक के खिलाफ भी जनहित याचिका दायर की गयी है. मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.
समान कार्य, समान वेतन के लिए आंदोलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के श्रमिक व असंगठित क्षेत्र में कार्य करनेवाले मजदूराें के लिए कई लाभदायक योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन बंगाल में आज भी श्रमिक व असंगठित क्षेत्र में कार्य करनेवाले लोगों को यह सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों के समान कार्य, समान वेतन शुरू करने की घोषणा की है, लेकिन इसे बंगाल में अब तक लागू नहीं किया गया है. ऐसा ही आरोप शनिवार को प्रदेश भाजपा के महासचिव डॉ सुभाष सरकार ने प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार पर लगाया. इस मौके पर डॉ सुभाष सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी श्रमिक व अंसगठित क्षेत्र में कार्य करनेवाले लोग व कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 15000 रुपये करने का निर्देश दिया है, लेकिन बंगाल में यह लागू नहीं हुआ है. साथ ही राज्य में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना में भी धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से इस योजना को सही प्रकार से लागू करने का आह्वान किया, ताकि लोगों को उनका अधिकार मिल सके. डाॅ सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिन योजनाओं को शुरू की है, उनका लाभ प्रत्यक्ष रूप से यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है. प्रदेश भाजपा यहां के श्रमिक व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए वृहद आंदोलन करेगी. इस मौके पर प्रदेश भाजपा के सचिव सायंतन बसु सहित अन्य नेता उपस्थित रहे.

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