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विस : कांग्रेस-वामो गंठबंधन में दरार!

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस-वाममोरचा में मंगलवार को उस समय दरार आ गयी, जब कांग्रेस ने बजट सत्र के शेष समय का बहिष्कार करने का निर्णय किया, जबकि मोरचा ने इसका विरोध किया. कांग्रेस विधायक दल ने विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान पर पिछले हफ्ते विधानसभा के अंदर हमले के विरोध में बजट सत्र […]

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस-वाममोरचा में मंगलवार को उस समय दरार आ गयी, जब कांग्रेस ने बजट सत्र के शेष समय का बहिष्कार करने का निर्णय किया, जबकि मोरचा ने इसका विरोध किया. कांग्रेस विधायक दल ने विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान पर पिछले हफ्ते विधानसभा के अंदर हमले के विरोध में बजट सत्र का बहिष्कार करने का निर्णय किया. कांग्रेस नेता मन्नान पर हमले के कारण उन्हें अस्पताल में भरती करना पड़ा.
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता नेपाल महतो ने बताया : जब हम सदन के अंदर ही सुरक्षित नहीं हैं, तो इसमें क्यों शामिल होंगे? हम सदन के बाहर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. श्री महतो ने वाम मोरचा ने उन लोगों के साथ बातचीत कर ही विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने का फैसला किया है.

वाम मोरचा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि वे सदन की बैठक में शामिल होंगे, ताकि बजट के दौरान सत्तापक्ष दल के रास्ते आसान नहीं हो जायें. श्री चक्रवर्ती ने कहा : हम बैठक में शामिल होंगे, क्योंकि हम सत्तापक्ष का रास्ता आसान नहीं करना चाहते. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के ‘पक्षपाती रवैये’ के विरोध में कांग्रेस विधानसभा में एक मार्च का भी आयोजन करेगी. बुधवार को कांग्रेस की ओर से विधानसभा अभियान का अाह्वान किया गया है. कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल केएन त्रिपाठी से मुलाकात की और अब्दुल मन्नान पर हमले की शिकायत की. उसके बाद कांग्रेस के विधायक सदन के कक्ष में नहीं पहुंचे, लेकिन माकपा के विधायक तन्मय भट्टाचार्य व खगेन मुर्मु बजट पर हुई बहस में हिस्सा लिया और सरकार की नीतियों की आलोचना की.

इसके पूर्व, सुबह विधानसभा की कार्यवाही के आरंभ के समय कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक मनोज चक्रवर्ती ने प्वाइंट ऑफ आॅर्डर मांगा और अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि फिलहाल प्रश्नोत्तर काल में हिस्सा लें. उसके बाद उनकी बात सुनी जायेगी. इसी बीच, माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती भी वामो विधायक के साथ पहुंचे और कांग्रेस विधायकों के साथ मिल कर प्रदर्शन करने लगे. विधानसभा के अंदर नारेबाजी लगभग 25 घंटे तक चली. उसके बाद वे संयुक्त रूप से विधानसभा की कार्यवाही से बहिष्कार कर गये. दोनों दल के विधायकों ने अांबेडकर मूर्ति के समक्ष धरना भी दिया और नारेबाजी की
वामो विधायकों ने सरकार से पूछा कितना हुअा है निवेश?
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्न्नान के हाथापाई में घायल होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही का वाम मोरचा और कांग्रेस के विधायक बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन मंगलवार को वाम मोरचा के विधायकों ने वित्त मंत्री अमित मित्रा द्वारा पेश किये गये बजट पर हो रही बहस में हिस्सा लिया. माकपा के विधायक तन्मय भट्टाचार्य, अनीसुर रहमान व खोगेन मुर्मु ने बहस में हिस्सा लिया. श्री भट्टाचार्य ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने ग्लोबल समिट का अायोजन किया था, लेकिन राज्य में उद्योग में कहां-कहां निवेश हुआ है. इसका कोई खुलासा नहीं किया गया है. बजट में यह भी नहीं उल्लेख किया गया है कि कितने का निवेश हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि ग्लोबल समिट के आयोजन में कितना खर्च हुआ है. सरकार यह बताये. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह तो कह रही हैं कि वाम मोरचा शासन के दौरान ऋण लिये गये हैं व उसका कर्ज चुकाने में सरकार परेशान है, लेकिन यह नहीं बता रही हैं कि छह वर्षों के शासन काल में वर्तमान सरकार ने कितना ऋण लिया है.
वामो के साथ कांग्रेस के गंठबंधन पर मानस ने किया कटाक्ष
कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल में शामिल हुए वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने वाम मोरचा के साथ कांग्रेस के गंठबंधन पर कटाक्ष किया. मंगलवार को डॉ भुईंया ने राज्य बजट पर हुई बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण 12 लोगों की मौत हुई है. केंद्र सरकार ने बिना कोई योजना व रणनीति बनाये नोटबंदी का फैसला लिया. इससे राज्य के साथ-साथ देश के आम लोगों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. डॉ भुईंया ने ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की. बाद में संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर वह किस पार्टी के विधायक के रूप में विधानसभा में वक्तव्य रखा है?
डॉ भुईंया ने कहा कि उन्होंने सबंग के विधायक के रूप में विधानसभा में वक्तव्य रखा है और विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बहस में भाग लेने की अनुमति दी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बंगीय कांग्रेस में परिणत हो गयी है. अखिल भारतीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक साथ मिल कर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस उस माकपा के साथ है, जिसने 34 वर्षों तक राज्य के लोगों व कांग्रेस समर्थकों पर अत्याचार किया था.

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