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कॉलेज व विवि के रिक्त पदों पर छह माह में बहाली
कॉलेज-विश्वविद्यालयों में 36 फीसदी पद हैं रिक्त शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ कर 62 हुई कोलकाता. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने घोषणा की कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में फिलहाल 36 फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त हैं. अगले छह माह के अंदर इन पदों को भरा जायेगा. श्री चटर्जी ने गुरुवार को […]
कॉलेज-विश्वविद्यालयों में 36 फीसदी पद हैं रिक्त
शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ कर 62 हुई
कोलकाता. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने घोषणा की कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में फिलहाल 36 फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त हैं. अगले छह माह के अंदर इन पदों को भरा जायेगा.
श्री चटर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेज (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) बिल, 2017’ व ‘द वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज (कंट्रोल ऑफ एक्सपेंडिचर) (एमेंडमेंट) बिल, 2017’ पर विधानसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए बातें कहीं.
कांग्रेस व वाममोरचा विधायकों की अनुपस्थिति में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया. द वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज (कंट्रोल ऑफ एक्सपेंडिचर) (एमेंडमेंट) बिल, 2017’ के माध्यम से कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिटारमेंट की आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ा कर 62 करने का प्रावधान किया गया. इसके पहले इस बाबत अध्यादेश पेश किया गया था. गुरुवार को विधेयक के माध्यम से उस पर संवैधानिक मुहर लगायी गयी.
शिक्षण संस्थाओं पर सरकार का नियंत्रण बढ़ा
इस विधेयक के माध्यम से कॉलेजों व विश्वविद्यालयों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ गया. श्री चटर्जी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं के मेरूदंड को सीधा रखा जायेगा और कॉलेजों में उत्कृष्टता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि 2010-11 में शिक्षा बजट 1704 करोड़ रुपये था, लेकिन 2017-18 यह बढ़ कर 3184 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि विश्वविद्यालय व कॉलेजों द्वारा स्वाधिकार के नाम पर अधिकार का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कई विश्वविद्यालयों का उदाहरण देते हुए कहा कि एक विश्वविद्यालय में बिना उचित अनुमति के 700 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट कर दिया गया. एक एजेंसी को पांच करोड़ रुपये का मकान खरीदने की अनुमति दे दी गयी. एक विश्वविद्यालय में आठ वर्ष से दीक्षांत समारोह नहीं हुअा है. कई विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति व जनजाति व ओबीसी आरक्षण की नीति का पालन नहीं किया जाता है. सरकार स्वाधिकार के नाम पर अव्यवस्था बर्दास्त नहीं करेगी.
शिक्षकों की उपस्थिति पर जोर, फिलहाल बॉयोमेट्रिक उपस्थिति नहीं
श्री चटर्जी ने कहा कि कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति के साथ शिक्षकों की उपस्थिति भी शिक्षा की उत्कृष्टता के लिए जरूरी है. हालांकि इस विधेयक में पूर्व के प्रावधान के अनुरूप बॉयोमेट्रिक एटेंडेंस को हटा दिया गया है. श्री चटर्जी ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि उन लोगों ने कदम पीछे खींच लिया है. कई लोग नवंबर 2016 में विधेयक पेश नहीं होने पर कह रहे थे कि यह विधेयक अब पेश ही नहीं होगा, लेकिन वे लोग शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है. वे लोग आशा कर रहे हैं कि शिक्षक खुद ही उपस्थिति पर जोर देंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे लोग इस बाबत नियम बनायेंगे.
शिक्षकों के अभाव को दूर करे सरकार : दिलीप घोष
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने विधेयक पर हुई बहस में भाग लेते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की कमी पर ध्यान दे तथा इन्हें दूर करे, ताकि शिक्षा का मान उठ सकता है. इसके साथ ही अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए अलग प्रावधान पर कटाक्ष किया.
पुस्तकालयों को कार्यशाला के लिए मिले 12 करोड़
पुस्तकालय मामलों के मंत्री सिद्दिकुल्ला चौधरी ने कहा कि राज्य के पिछड़े नौ जिलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रत्येक सप्ताह विशिष्ट लोगों पर कार्यशाला आयोजन करने पर पुस्तकालयों को एक हजार रुपये दिये जायेंगे. इस मद में 12 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. पुस्तकालयों में महिलाओं व बच्चों को बैठने की अलग व्यवस्था की जायेगी.
शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मियों का होगा तबादला
इस विधेयक के माध्यम से शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मियों के तबादले का प्रावधान किया गया है. अभी तक यह नियम था कि जिस शिक्षक की नियुक्ति जिस कॉलेज में होती थी. वह उसी कॉलेज में रहता था, लेकिन अब उनका तबादला हो पायेगा. श्री चटर्जी ने कहा कि कइयों को असुविधा होती थी, लेकिन वे तबादला नहीं करवा पाते थे, लेकिन अब संभव हो पायेगा, लेकिन यह प्रावधान अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षण संस्थाओं पर लागू नहीं होगा.
शिक्षकों की नियुक्ति के पहले होगा मेडिकल टेस्ट व पुलिस वैरिफिकेशन
अन्य सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की तरह अब शिक्षकों की नियुक्ति के पहले भी मेडिकल टेस्ट व पुलिस वैरिफिकेशन का प्रावधान किया गया है. अब शिक्षकों को भी इनसे गुजरना होगा. इसके साथ ही कॉलेज व विश्वविद्यालय में गवर्निंग बॉडी रहेगी. इनके अध्यक्ष को राज्य सरकार मनोनीत करेगी तथा शिक्षकों के पीएफ की निगरानी राज्य कोषागार द्वारा किया जायेगा.
हालीशहर में बनेगा आइटीआइ
राज्य की तकनीकी शिक्षा मामलों की मंत्री असीमा पात्रा ने विधानसभा में बताया कि उत्तर 24 परगना के बैरकपुर अंचल के हालीशहर में आइटीआइ बनाया जायेगा. श्रीमती पात्रा बैरकपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक शीलभद्र दत्त के अतिरिक्त सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सभी ब्लॉक में एक आइटीआइ खोलने की घोषणा की है.
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