इसलिए इसे तहलका को ना देकर 2016 में निजी वेबसाइट पर प्रसारित किया गया. इस कारण स्टिंग ऑपरेशन के बाद इसे प्रसारित करने में विलंब हुआ था. भारत सरकार की ओर से वकील उज्जवल राय ने कहा कि जो वीडियो फुटेज नहीं खोला जा सका उसके लिए नये सॉफ्टवेयर की जरूरत है.
जरूरत पड़ने पर उस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके उन वीडियो फुटेज की फाइल खोली जायेगी. सीबीआइ के वकील मोहम्मद अशरफ अली ने कहा कि आइपीसी और सीआरपीसी के मुताबिक सीबीआइ किसी भी मामले की जांच कर सकती है, यदि अदालत उसे निर्देश देती है. इस संबंध में किसी प्रकार की कानूनन बाधा नहीं है. अदालत ने मामले में फैसले को सुरक्षित रखा है. संभावना जतायी जा रही है कि अगले हफ्ते फैसला सुनाया जा सकता है.