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मिलजुल कर रहना सिखाता है धर्म
बोलीं मुख्यमंत्री गुरु गोविंद के नाम पर संग्रहालय बनाने की घोषणा कोलकाता. गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को भाईचारे, एकता और शांति का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि धर्म आपस में लड़ना नहीं, बल्कि मिलजुल कर रहना सिखाता है. वह गुरुवार को महानगर स्थित शहीद मिनार मैदान में […]
बोलीं मुख्यमंत्री
गुरु गोविंद के नाम पर संग्रहालय बनाने की घोषणा
कोलकाता. गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को भाईचारे, एकता और शांति का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि धर्म आपस में लड़ना नहीं, बल्कि मिलजुल कर रहना सिखाता है. वह गुरुवार को महानगर स्थित शहीद मिनार मैदान में आयोजित प्रकाशोत्सव समारोह में बोल रही थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने सबकी रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की. उन्होंने सिखाया कि हमें हिम्मत, प्यार और मानवता के साथ रहना चाहिए. किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए. सीएम ने कहा कि हम सब एक हैं. एक साथ मिल कर रहते हैं. धर्म का अर्थ एकता, विश्वास व मेल है. धर्म का मतलब साहस के साथ काम करना है. धर्म का मतलब हिंसा और लड़ाई नहीं बल्कि एकता है. दुनिया को अपना बनाना ही धर्म है. गुरु गोविंद किसी से नहीं डरते थे
उन्होंने खालसा पंथ का गठन किया. इस परंपरा को जारी रखना है. कोई छोटा-बड़ा नहीं है, सभी समान हैं. सांप्रदायिक सौहाद्र बनाये रखना होगा. बंगाल में सभी तरह के लोग एक साथ मिल कर रहते हैं. बंगालियों एवं सिखों के संपर्क के बारे में उन्होंने कहा कि सिखों के साथ हमारा बहुत पुराना संबंध है. सदियों से यह संपर्क बना हुआ है. रवींद्रनाथ टैगोर ने जब राष्ट्रगान लिखा तो उन्होंने इसे पंजाब से शुरू किया आैर उसका अंत बंगाल पर किया. देश पंजाब से शुरू होता है आैर बंगाल पर आकर खत्म होता है. बंगाल आैर पंजाब में कोई फर्क नहीं है. नोटबंदी पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि दिल्ली के गुरुद्वारों के बाहर लोगों की लंबी लाइन देखी है. पता चला कि नकदी के अभाव से परेशान लोग गुरुद्वारे में आकर खा रहे हैं. सिख समुदाय की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी धर्म का सम्मान करती हूं.
मैं अपना सभी कार्यक्रम रद्द कर यहां आयी हूं, इससे पहले मैं पटना में गुरु गोविंद सिंह के जन्मस्थान पर भी मत्था टेक चुकी हूं. आप लोगों में जितना अनुशासन है, उतना बेहद कम लोगों में ही देखने को मिलता है. यहां सभी मिल कर काम करते व खाना बनाते हैं. यहां कोई छोटा-बड़ा नहीं है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रासबिहारी गुरुद्वारे के पास गुरु गोविंद सिंह के नाम पर एक संग्रहालय एवं डनलप में गुरु नानक के नाम पर एक द्वार बनाये जाने की घोषणा की.
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