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ट्वाय ट्रेन को संवारने की यूनेस्को ने बनायी योजना

दार्जिलिंग ट्रेन को बचाने का हरसंभव प्रयास होगा सिलीगुड़ी : छुकछुक की आवाज सुनने और विश्व धरोहर खिलौना रेल(ट्वाय ट्रेन) को देखने व उसकी यात्रा का लुफ्त उठाने के लिये विदेशों से पर्यटक यहां आते हैं. लेकिन विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की शान यह खिलौना गाड़ी कब तक जीवित रहेगी, रेलवे प्रबंधन के लिए […]

दार्जिलिंग ट्रेन को बचाने का हरसंभव प्रयास होगा
सिलीगुड़ी : छुकछुक की आवाज सुनने और विश्व धरोहर खिलौना रेल(ट्वाय ट्रेन) को देखने व उसकी यात्रा का लुफ्त उठाने के लिये विदेशों से पर्यटक यहां आते हैं. लेकिन विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की शान यह खिलौना गाड़ी कब तक जीवित रहेगी, रेलवे प्रबंधन के लिए यह एक चिंता का विषय है. बीच में कुछ दिनों के लिए ट्वाय ट्रेन परिसेवा बंद थी, लेकिन इसे फिर से चालू किया गया है. सप्ताह में तीन दिन खिलौना गाड़ी न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग और तीन दिन दार्जिलिंग से न्यू जलपाईगुड़ी तक चलती है.
लेकिन यात्रियों की संख्या दिन-प्रतिदिन नगण्य होती जा रही है. इसे जीवित रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) अपने स्तर से योजना बना रही है. अगले एक वर्ष में विश्व धरोहर ट्वाय ट्रेन यात्रा को आकर्षक बनाये जाने की संभावना जतायी जा रही है. इस धरोहर को बचाये रखने के लिए यूनेस्को आगे आया है. यूनेस्को फिलहाल साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च करके दार्जिलिंग ट्रेन को संवारेगा. रेल मंत्रालय ने उसे पैसा दे दिया है. यूनेस्को ने अगले एक वर्ष में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की कायापलट का दावा किया है. जनवरी महीने में ट्वाय ट्रेन प्रबंधन के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन यूनेस्को की ओर से किया जा रहा है.
इसके बाद इस रेल के संचालन के लिए एक नयी गाइडलाइन तैयार की जायेगी.कटिहार डिवीजन के प्रबंधक उमाशंकर यादव ने सिलीगुड़ी व न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन तक की ट्रैक का जायजा लिया. सिलीगुड़ी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उक्त जानकारी उन्होंने दी.
श्री यादव ने बताया कि ट्वाय ट्रेन को फिर से शुरू तो किया गया है, लेकिन यह कब जीवित रहेगा यह एक चिंता का विषय है. सप्ताह में तीन दिन यह ट्रेन एनजेपी से दार्जिलिंग के लिए प्रस्थान करती है और तीन दिन दार्जिलिंग से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए. लेकिन यात्रियों की संख्या काफी कम है. विदेशों से पर्यटक इसकी यात्रा का लुफ्त उठाने पहुंचते हैं, लेकिन भारत के विभिन्न कोनों से पहुंचे पर्यटक या स्थानीय नागरिक इससे यात्रा नहीं करते.
इसके अतिरिक्त रेलवे की जमीन का अतिक्रमण इसके विकास में बाधक बन रही है. न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से लेकर सिलीगुड़ी जंक्शन, दागापुर, सुकना से लेकर कर्सियांग तक लोग रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बैठे हुए हैं. बलपूर्वक उन्हें हटाना भी गैरकानूनी है. नियमों के दायरे में रहकर राज्य सरकार की सहायता से रेलवे की जमीन खाली कराने की ओर कदम बढ़ाया गया है. बंगाल राज्य सरकार के गृह सचिव, दार्जिलिंग के सांसद व केंद्रीय मंत्री सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया व राज्य के मंत्री गौतम देव को भी इस संबंध से अवगत कराया गया है.
कटिहार डिवीजन में पटरी जांच का 90% काम पूरा: कटिहार डिवीजन के प्रबंधक उमाशंकर यादव अपने मंडल के ट्रैक की जांच करते हुए सिलीगुड़ी जंक्शन पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि कानपुर हादसे के बाद मंत्रालय की ओर से सभी मंडलों के ट्रैक की जांच एक महीने में समाप्त कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है. कटिहार डिवीजन में 90 प्रतिशत ट्रैक की जांच कर ली गयी है. बाकी काम आगामी एक-दो दिन में समाप्त कर लिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनें काफी विलंब से चल रही हैं. इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में श्री यादव ने कहा कि अत्यधिक कोहरा की वजह से दृश्यता काफी कम हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में यात्रियों को विलंब से ही सही, लेकिन सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने का निर्देश रेल मंत्रालय से दिया गया है.
अत्यधिक कोहरा प्रभावित इलाकों में 110 किलोमीटर रफ्तार से चलने वाली ट्रेने 10 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती हैं. दृश्यता काफी कम होने की वजह से सिगनल से 250 या 300 मीटर की दूरी पर खडा सिगनल मैन पटाखा फोड़कर चालक को सिगनल आने की जानकारी देता है.
टिकट काउंटरों पर पीओएस मशीनें लग रही हैं: इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. पूरे देश के साथ कटिहार डिवीजन के भी सभी स्टेशनों को डिजिटल बनाया जायेगा. टिकट काउंटर पर पीओएस जैसी अत्याधुनिक मशीनें लगायी जा रही हैं. आगामी एक महीने में डिवीजन के बड़े स्टेशन पर पीओएस मशीन लगाये जाने की संभावना उन्होंने जतायी है. इससे यात्री बिना नकदी के, कार्ड की मदद से टिकट कटा सकेंगे.

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