मंगलवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जूटा) की ओर से वाइस चांसलर के कक्ष के सामने एक विरोध-प्रदर्शन किया गया. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने अचानक यह आदेश देकर अनुसंधान करनेवाले छात्रों व स्कॉलरों की पढ़ाई का नुकसान किया है. जिन रिटायर्ड शिक्षकों की फिर से बहाली होने का समय था, उनको कई प्रोजेक्ट पूरे करवाने थे, लेकिन अब सरकारी फरमान के बाद नये सिरे से छात्रों को प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे.
सरकारी आदेश का उल्लंघन करके तीन शिक्षकों की पुनर्बहाली का निर्णय कैसे लिया गया. जेयू प्रशासन को अपना फैसला रद्द करना होगा. इन शिक्षकों को 1 दिसंबर को फिर से रखा गया. जबकि सरकार ने नये सिरे से ऐसे शिक्षकों की पुनबर्हाली व उनका कार्यकाल बढ़ाने पर रोक लगा दी थी. यह आदेश इसलिए लाया गया, क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग में यह शिकायत मिली थी कि विश्वविद्यालय 1979 के सरकारी आदेश के उस प्रावधान का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि बहुत खास तरह के मेधावी रिटायर्ड टीचर्स को ही पुनर्नियुक्त किया जा सकता है.