सहकारिता बैंकों से स्वनिर्भर व स्वरोजगार विभाग के लिए 600 करोड़ रुपये, कृषि के लिए यंत्र के वास्ते 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया जाता है, पर सहकारिता बैंकों में पर्याप्त रुपया ही नहीं है. शादियों के लिए बैंक ऋण नहीं दे पा रहे हैं. इस सारी स्थिति के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है.
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नोटबंदी से खेती को नुकसान : सहकारिता मंत्री
कोलकाता. राज्य के सहकारिता मंत्री अरूप राय ने कहा है कि नोटबंदी के कारण खेती को काफी नुकसान पहुंचा है. रबी मौसम की खेती को भारी क्षति पहुंची है. श्री राय ने बताया कि रबी की खेती के लिए 2500 करोड़ रुपये की जरूरत है, पर 25 नवंबर तक केवल 132 करोड़ रुपये ही मिले […]
कोलकाता. राज्य के सहकारिता मंत्री अरूप राय ने कहा है कि नोटबंदी के कारण खेती को काफी नुकसान पहुंचा है. रबी मौसम की खेती को भारी क्षति पहुंची है. श्री राय ने बताया कि रबी की खेती के लिए 2500 करोड़ रुपये की जरूरत है, पर 25 नवंबर तक केवल 132 करोड़ रुपये ही मिले हैं.
श्री राय ने बताया कि वित्त मंत्रालय से सहकारिता बैंकों को 10 दिसंबर तक 700 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. इसके अलावा अगले सप्ताह तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 40 करोड़ रुपया मिल सकता है. रिजर्व बैंक से भी 400 करोड़ रुपये देने का आवेदन किया गया है, पर जो भी रकम मिलेगी, उससे खेती संभव नहीं है.
दूसरी तरफ रायगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में 58.24 करोड़ रुपया जमा होने पर सीबीआइ द्वारा बैंक में छापा मारे जाने के बारे में पूछे जाने पर सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस बैंक में 16640 लोगों के अकाउंट हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रत्येक के अकाउंट में 24500 रुपया जमा है. फलस्वरूप यह साफ है कि यह रुपया काला धन नहीं है. बेकार की बातें की जा रही हैं. श्री राय ने बताया कि जिला अधिकारियों से नवान्न को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के कारण 71 लाख किसान एवं उनका परिवार प्रभावित हुआ है.
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