इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं. इंदिरा गांधी ने खुद को अपने देश में सीमाबद्ध नहीं किया, बल्कि वैश्विक दरबार में भारत के अस्तित्व को पहुंचाया था. आंदोलन का नेतृत्व देकर विश्व के विकसित देशों को दिखा दिया था कि भविष्य में भारत वैश्विक दरबार में एक महाशक्ति के तौर पर उभरेगा. उसी इंदिरा गांधी की उपेक्षा कर उनकी उपलब्धियों को कम करके दिखाने का षडयंत्र किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक को अपनी उपलब्धि बतायी है. उन्हें पुण्यतिथि पर इंदिरा गांधी को याद करना चाहिए था. जिस पाकिस्तान के शर्मनाक हमले के बाद जवाब देने में नरेंद्र मोदी को फैसला लेने में विलंब हुआ था उसी पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों के साथ सेनाप्रमुख जनरल नियाजी को भारतीय सेना प्रमुख जनरल अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए बाध्य किया था इंदिरा गांधी ने. पाकिस्तान के दो टुकड़े करके स्वाधीन बांग्लादेश को जन्म उन्होंने ही दिया था. लेकिन जब भी भाजपा की सरकार बनती है पाकिस्तान की ओर से भारत के सीने पर तोप ताने जाते हैं चाहें वह कारगिल हो, पठानकोट या उड़ी हमला.