उन्होंने कहा कि माकपा के शासनकाल में भी भाजपा ने बंगाल में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने का प्रयास किया था, परंतु तत्कालीन माकपा सरकार ने उसका मुहंतोड़ जवाब दिया था. परंतु आज भाजपा के साथ मिल कर वोट बैंक के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने बंगाल में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है, जिसकी वजह से विभिन्न स्स्थानों पर दंगे की स्स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि माकपा इसके खिलाफ लोगों में जागरूकता पैदा कर रही है.
उन्होंने केंद्र सरकार की आर्थिक नीति पर तंज कसते हुए कहा कि आज गरीबों की थाली से दाल व प्याज भी गायब होते जा रहे हैं. दिन पर दिन बढ़ रही महंगाई को काबू करने में केंद्र सरकार विफल है. पाक सरकार से भी वहां की जनता परेशान है.
इसीलिए मोदी व शरीफ मिलकर सीमा पर तनाव का नाटक कर रहे हैं. दूर्गापूजा को ब्रांड बनाने की मुख्यमंत्री की घोषणा पर भी उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि रेड रोड पर शो करने का कोई मतलब नहीं है. यह सिर्फ जनता के पैसों की बरबादी है. चाय बागानों में लोग अन्न के बगैर मर रहें हैं और मुख्यमंत्री आहारे बांग्ला को उत्सव की तरह आयोजित कर रही है. उल्लेखनीय है कि 20 अक्तूबर को माकपा की ओर से इसके विरोध में तपसिया से लेकर मिलन मेला तक प्रतिवाद जुलूस का आयोजन होगा, जिसका नेतृत्व विमान बसु करेगें. साथ ही पूरे बंगाल के जिला मुख्यालय में दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक सांकेतिक रूप से अनशन का आयोजन किया जायेगा.