घर का टेलीविजन खराब होने के कारण मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. आंतकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को मौत का कोई खौफ नहीं है. इसलिए वे बड़े आराम से कत्लेआम को अंजाम देते हैं, लेकिन भारत ऐसा देश नहीं है. मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि देशवासियों का ख्याल रखते हुए आंतकवादियों एवं पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब दे. गंगाधर का भाई वरूण ने कहा कि भारत ने जो किया है, उससे हम खुश हैं. यह कदम पहले उठाया गया होता हो उड़ी हमला ही नहीं, बल्कि कारगिल भी नहीं होता.
भारतीय सेना आंतकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सीने गोली मार दे, तभी शहीद जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी. बता दें कि उड़ी में हुए आतंकवादी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे. इनमें जेबीपुर के जमुना बलिया गांव निवासी शहीद गंगाधर दोलई भी शामिल थे.