डॉ बोस ने उक्त रिपोर्ट का हलावा देते हुए बताया कि भारत में इस बीमारी के कारण हर साल करीब दो मिलियन लोगों की मौत होती है. उन्होंने कहा कि इस हृदय संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए कोलकाता के अपोलो ग्लेनिगल्स हॉस्पिटल में उपयुक्त व्यवस्था है. इस बीमारी के इलाज के लिए यहां अत्याधुनिक अपकरणों से लैश इलाज की व्यवस्था की गई है.
वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर अस्पताल में आयोजित उक्त सेमिनार में एटलेटिको डी कोलकाता टीम के देवजीत मंजूमदार, जुअान वेलेंसकोसो सह अन्य खिलाड़ी व अस्पताल के चिकित्सक गण उपस्थित थे.