बोले एनएचआइ के चीफ जनरल मैंनेजर आशुतोष गौतम
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सड़कों के विस्तार में जमीन अधिग्रहण बड़ी समस्या
बोले एनएचआइ के चीफ जनरल मैंनेजर आशुतोष गौतम जमीन अधिग्रहण के कारण कई परियोजनाएं स्थगित कोलकाता : किसी राज्य के विकास और शहरीकरण के लिए आधारभूत संरचना को विकसित करना बेहद आवश्यक होता है. इसमें सड़कों का विस्तारीकरण, ब्रिज निर्माण आदि शामिल है. पश्चिम बंगाल में सड़कों के विस्तार व ब्रिजों के निर्माण की योजना […]
जमीन अधिग्रहण के कारण कई परियोजनाएं स्थगित
कोलकाता : किसी राज्य के विकास और शहरीकरण के लिए आधारभूत संरचना को विकसित करना बेहद आवश्यक होता है. इसमें सड़कों का विस्तारीकरण, ब्रिज निर्माण आदि शामिल है. पश्चिम बंगाल में सड़कों के विस्तार व ब्रिजों के निर्माण की योजना तैयार की गई है. पर इसे धरातल पर उतारने में बहुत परेशानी हो रही है.
ये बातें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआइ) के चीफ जनरल मैंनेजर आशुतोष गौतम ने कही. वह शुक्रवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉर्मस द्वारा इंफ्राविजन ईस्ट 2016 विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बंगाल में जमीन अधिग्रहण एवं अतिक्रमण की समस्या सबसे अधिक है. इसकी वजह से यहां कई परियोजना स्थगित पड़ी है.
तृणमूल सरकार के प्रयास से पिछले तीन वर्ष में बंगाल में आधारभूत संरचनाओं के प्रति देश के बड़े एवं प्रतिष्ठित कंट्रैक्टर उत्साह दिखा रहे हैं. एक रिकार्ड का हवाला देते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में बंगाल में जमीन अधिग्रहण पर करीब 3200 करोड़ रुपये खर्च किये गये. धुपकुड़ी बाइपास और फलता बाइपास का काम लोगों के आंदोलन की वजह से रूका हुआ है. किसी परियोजना को जमीनी स्तर पर उतारने से पहले डीपीआर (डिटेल्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का सही तरीके से अध्ययन करने की जरूरत है. इसी के आधार पर समस्याओं का समाधान हो सकेगा.पश्चिम बंगाल में पिछले 10 वर्ष में 18 परियोजनाएं पूरी हुई हैं. इन पर सात हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. 10 परियोजनाओं पर काम जारी है. इनमें फोर लेन और सिक्स लेन बनाने की परियोजना करीब नौ हजार करोड़ की है. इसमें सात परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें पीपीपी मॉडल के तहत तैयार किया जा रहा है.
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