हाल में विरोधी दलों से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए तुषार भट्टाचार्य और दिपाली विश्वास के संबंध में श्री चटर्जी ने कहा कि जब उन लोगों ने देख लिया कि उनको लेकर कुछ नहीं किया जा सकता है, तो उन्होंने ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
चुनाव के समय भी जनता के दरबार में नहीं जाकर वे लोग अदालत में गये थे, हालांकि इनमें से कई शहीदों के रक्त के बदले ही विधायक बने हैं. कांग्रेसकर्मी खुद ही लज्जित महसूस कर रहे है कि जिन लोगों ने 21 जुलाई को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या की थी. उसी के साथ मिल कर वे लोग सत्ता में आना चाह रहे हैं.