19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सॉल्टलेक सेक्टर पांच से दो और गिरफ्तार

कोलकाता. सॉल्टलेक सेक्टर पांच में नाबार्ड के अधिकारियों से सिंडिकेट के जुल्म के आरोप में विधाननगर इलेक्ट्रॉनिक्स थाना की पुलिस ने मंगलवार रात दो और लोगों को गिरफ्तार किया. उनके नाम दुखी राम मंडल और रंजीत मंडल हैं. इसके पहले नाबार्ड के प्रोजेक्टर मैनेजर उमेश कुमार की शिकायत पर स्थानीय पार्षद रमेश नस्कर के घनिष्ठ […]

कोलकाता. सॉल्टलेक सेक्टर पांच में नाबार्ड के अधिकारियों से सिंडिकेट के जुल्म के आरोप में विधाननगर इलेक्ट्रॉनिक्स थाना की पुलिस ने मंगलवार रात दो और लोगों को गिरफ्तार किया. उनके नाम दुखी राम मंडल और रंजीत मंडल हैं.

इसके पहले नाबार्ड के प्रोजेक्टर मैनेजर उमेश कुमार की शिकायत पर स्थानीय पार्षद रमेश नस्कर के घनिष्ठ रमेश मंडल को गिरफ्तार किया गया था. उन दोनों को बुधवार को विधाननगर एसीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों को तीन दिनों की जेल हिरासत में भेज दिया. गौरतलब है कि नाबार्ड के प्रोजेक्ट मैनेजर उमेश कुमार पर दल-बल के साथ रमेश मंडल ने बिल्डिंग मेटेरियल उससे ऊंचे दाम पर खरीदने के लिए दबाव डाला था.

दशकों से बंगाल में सिंडिकेट राज
बंगाल में सिंडिकेट राज दशकों से चल रहा है. यहां बिल्डर लॉबी और नेताओं के बीच सांठगाठ का यह सिलसिला कोई नयी बात नहीं है. इसे लेकर न जाने कितने लोग अबतक अपनी जान गवां चुके हैं. चुनाव के समय तो इनके बीच की संपर्क और बढ़ जाते हैं. कोलकाता से सटे इलाकों में टाउनशिप जितनी तेजी से फैल रही है, उतनी ही तीव्र गति से सिंडिकेट तंत्र भी पांव पसार रहा है. उत्तर में राजरहाट-न्यू टाउन, पूर्व में ईएम बाईपास के आसपास का क्षेत्र, दक्षिण में सोनारपुर और बारुईपुर या पश्चिम में जोका-बेहाला हो, हर जगह निर्माणाधीन इमारतों की लंबी कतारें दिख जायेंगी और इसी के साथ सिंडिकेट का रोजगार तेजी से फल-फूल रहा है. इतना की नहीं उत्तर 24 पगरना जिले के टीटागढ‍़, भाटपाड़ा, जगदल, नोआपाड़ा, बीजपुर जैसी कई नगरपालिकाओं में सिंडिकेट का मकड़जाल इस कदर फैला हुआ है कि लोग इसके खिलाफ सिर उठाने से भी डरते हैं.

2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इसके बड़े नेताओं के नाम अक्सर इनके साथ जुड़ते रहे हैं. हांलाकि पहले आम जनता इसके खिलाफ कोई आवाज उठाने से डरती थी लेकिन अब जनता इसके खिलाफ आवाज उठाने लगी है. उसी का नतीजा है कि साल्टलेक के पार्षद अनिंदों चटर्जी और उसके दो शार्गिदों को इस मामले में जेल जाना पडा है. इसका श्रेय ममता बनर्जी को जाता है. दूसरी बार सत्ता में आने बाद ममता बनर्जी ने अपनी ही पार्टी के पार्षद को जेल भेज कर पहले ही साफ कर दिया कि अब पार्टी में रंगदारी नहीं चलेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें