बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए श्री मित्रा ने कहा कि इसमें दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर विचार-विमर्श हुआ और सभी भागीदाराें ने इस पर अपने विचार रखे. आम राय यह थी कि डेढ़ करोड़ रुपये से कम के कारोबार पर कर राज्याें द्वारा लगाया जाये, जबकि इससे अधिक के कारोबार पर केंद्र कर लगाये. श्री मित्रा ने बताया कि जुलाई में होनेवाली अगली बैठक में इस मुद्दे पर फिर विचार होगा. बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और 22 राज्याें के वित्त मंत्री शामिल हुए.
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जीएसटी: राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा का दावा, दोहरे नियंत्रण का मुद्दा सुलझा
कोलकाता: वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर अधिकार प्राप्त समिति के चेयरमैन और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने दावा किया है कि जीएसटी के मुद्दे पर राज्याें के वित्त मंत्रियाें की समिति की बैठक में केंद्र तथा राज्याें के बीच कराधान ढांचे के दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर लगभग आम सहमति बन […]
कोलकाता: वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर अधिकार प्राप्त समिति के चेयरमैन और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने दावा किया है कि जीएसटी के मुद्दे पर राज्याें के वित्त मंत्रियाें की समिति की बैठक में केंद्र तथा राज्याें के बीच कराधान ढांचे के दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर लगभग आम सहमति बन गयी है.
बैठक में राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. श्री मित्रा ने कहा कि अगली बैठक में इस पर फिर विचार होगा, जिससे तय किया जा सके कि सबसे उपयुक्त दर क्या है. जहां मुख्य आर्थिक सलाहकार की समिति ने 17 प्रतिशत की आरएनआर दर का सुझाव दिया है, वहीं राष्ट्रीय सार्वजनिक वित्त व नीति संस्थान ने 26 फीसदी दर का सुझाव दिया है.
कांग्रेस ने भी सशर्त समर्थन का किया वादा
जीएसटी को लागू करने के संबंध में भी अब कांग्रेस ने भी समर्थन के संकेत दिये हैं. लेकिन समर्थन देने से पहले कांग्रेस ने कुछ शर्तें रखी हैं. जीएसटी व्यवस्था कांग्रेस की ही सोच है. इस टैक्स बदलाव की जनक कांग्रेस ने कहा है कि वह इसका समर्थन करेगी, यदि केंद्र सरकार ऊपरी कर सीमा के तौर पर 18 प्रतिशत को सुनिश्चित करे, और राज्यों के बीच कर बंटवारे को लेकर होनेवाले विवादों के लिए स्वतंत्र व्यवस्था स्थापित करे. अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है, तो कांग्रेस उसे समर्थन देगी. अगर कांग्रेस जीएसटी का समर्थन करती है, तो आगामी मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक पास हो जायेगा.
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