इस मौके पर वाममोरचा के निरंजन चटर्जी, मानव मुखर्जी, मोहम्मद सलीम, सुजन चक्रवर्ती, मानस मुखर्जी, निरंजन चटर्जी, अनादि साहू, जीवन प्रकाश साहा, हासिफ आलम सैरानी, नरेन चटर्जी, पियाली पाल, अमोल देब राय, श्रीकांत सोनकर, तारकेश राय, संजय मालाकार, नजमूल आलम, प्रबोध चंद्र सिन्हा, नजरूल इस्लाम, अशोक घोष, कांग्रेस के अब्दुल मन्नान, अमिताभ चक्रवर्ती व अन्य मौजूद रहे. डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने आरोप लगाया कि वर्ष 2011 में हुए चुनाव की तरह इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान माहौल शांतिपूर्ण नहीं रहा. कई विधानसभा केंद्रों में वामपंथी व विपक्षी दलों के पोलिंग एजेंटों को बैठने भी नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाये हैं. आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव मेेें करीब 100 विधानसभा केंद्रों में वीवी पैड इस्तेमाल किये जाने की बात थी, लेकिन आयोग इसमें विफल रहा है. इतना ही नहीं चुनाव के बाद सैकड़ों वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है. राजनीतिक हिंसा के शिकार वाममोरचा के बाहर मौजूद अन्य वामपंथी दलों और कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता भी हो रहे हैं. विपक्षी दलों के पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़, जबरन कब्जा किये जाने की घटना भी सामने आयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा भ्रम फैला रही है. विधानसभा चुनाव के नतीजे से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच समझौता हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल की कोशिश है कि राज्य में विपक्ष समाप्त हो जाये. यही वजह है कि पूरे राज्य में हिंसा की राजनीति शुरू की गयी है.
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राजनीतिक हिंसा: एक मंच पर दिखे सूर्यकांत-अधीर
कोलकाता: एक बार फिर माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी साथ देखे गये. विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद राज्य में कथित हिंसा के विरोध में धर्मतल्ला के वाइचैनल के निकट धरना-प्रदर्शन के दौरान दोनों आला नेताओं को एक मंच पर देखा गया. गुरुवार को वाममोरचा की ओर […]
कोलकाता: एक बार फिर माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी साथ देखे गये. विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद राज्य में कथित हिंसा के विरोध में धर्मतल्ला के वाइचैनल के निकट धरना-प्रदर्शन के दौरान दोनों आला नेताओं को एक मंच पर देखा गया. गुरुवार को वाममोरचा की ओर से शुरू किया गया दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन समाप्त हुआ.
सूयकांत मिश्रा ने राजनीतिक हिंसा के खिलाफ भाजपा को छोड़कर अन्य सभी दलों को सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन व आंदोलन करने का आह्वान किया है. इधर, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी राज्य में कथित राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का आरोप तृणमूल कांग्रेस लगाया है. हिंसा के खिलाफ आंदोलन में तमाम विपक्षी दलों को शामिल होने की बात भी कही है.
कांग्रेस से है बोझा-पोड़ा : सूर्यकांत
विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद वामपंथियों और कांग्रेस के बीच तालमेल जारी रहने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, जिसे माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने साफ कर दिया. गुरुवार को एक सभा को संबोधित करने हुए मिश्रा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में वामपंथी, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष समर्थक दल एकजुट हुए थे और लोगों के हितों के लिए यह आगे भी एकजुट रहेंगे. इसमें कांग्रेस भी शामिल है. कथित तौर पर कांग्रेस के साथ वामपंथियों का बोझा-पोड़ा (तालमेल) है. चुनाव के नतीजे के बाद कथित राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के खिलाफ वाममोरचा, अन्य वामपंथी दलों और कांग्रेस का विरोध जारी रहेगा.
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