कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में निवेश लाने के लिए काफी जद्दोजहद कर रही हैं. वहीं अक्सर उनकी पार्टी के नेताआें व कार्यकर्ताआें पर ही व्यवसाय में बाधा डालने का आरोप लगता रहा है. महानगर के 36 स्ट्रैंड रोड इलाके में स्थित दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि तृणमूल नेता अशोक झा यूनियन के नाम पर उनके व्यवसाय में बाधा डाल रहे हैं. दुकानदारों के संगठन सेंट्रल कलकत्ता ट्रेडर्स एंड प्रोफेशनल वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव फिरोज हुसैन ने कहा कि हम लोग लगभग 100 दुकानदार हैं, जो वर्षों से यहां व्यवसाय कर रहे हैं. हमारे माल को इधर-उधर लाने-ले जाने के लिए 10-15 कुली (माेटिया मजदूर) काम करते हैं.
सब कुछ ठीक चल रहा था, पर पिछले वर्ष अक्तूबर से स्थिति उस वक्त बदल गयी, जब बड़ाबाजार शॉप एंड इस्टेबलिशमेंट वर्कर्स यूनियन के नेता अशोक झा ने हस्तक्षेप करना आरंभ किया. श्री हुसैन ने आरोप लगाया कि श्री झा के भड़काने पर मोटिया दुकानदारों से बोनस की मांग करने लगे हैं, जबकि ये लोग किसी दुकानदार के कर्मचारी नहीं हैं, इसलिए कानून के अनुसार वह बोनस के हकदार नहीं हैं. इसी बात पर महीनों से टकराव चल रहा है. श्री झा के बहकाने पर ये लोग काम बंद कर देते हैं, जिससे हमारा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. संगठन के उपाध्यक्ष एवं एक आैर दुकानदार ऋषभ कोचर ने कहा कि हम लोग दुकानदार हैं, हम लोग टकराव से दूर रहना चाहते हैं. पर केवल एक व्यक्ति के कारण माहौल बिगड़ गया है. वहीं दिनेश सुराना नामक दुकानदार एवं संगठन के कोषाध्यक्ष ने कहा कि अशोक झा यूनियन का भय दिखा कर न तो उन मजदूरों को काम करने देते हैं आैर न ही बाहर से मजदूर लाने देते हैं.
इस मुद्दे पर बड़ाबाजार थाने एवं डीसी के शिकायत दर्ज करायी गयी है. स्थानीय विधायक नयना बंदोपाध्याय भी उन्हें यहां से दूर रहने की हिदायत दे चुकी हैं, पर वह अपना ही खेल खेल रहे हैं.
आरोप के घेरे में आये बड़ाबाजार इलाका के तृणमूल नेता व यूनियन के कर्णधार अशोक झा ने दुकानदारों के सभी आरोपों का खंडन किया है. उनका कहना है कि यह मजदूर 19 दुकानों में काम करते हैं, जो बोनस के रुप में दो हजार रुपये उन्हें देते हैं, पर अब इन लोगों ने पांच हजार रुपये की मांग की है. उनकी मांग के आधार पर 15 दुकानदार 2500-3000 देने के लिए राजी हो गये हैं, केवल चार दुकानदारों को आपत्ति है. श्री झा ने यह भी दावा किया कि पूरे बड़ाबाजार इलाके में मोटिया को बोनस दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि मैं मजदूरों के हित की बात करता हूं, जो यहां के दुकानदारों को पसंद नहीं है. इसलिए मुझ पर यह आरोप लगाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदीभाषी श्रमिकों को शहर छोड़ने की धमकी उक्त मकान के व्यवसायियों द्वारा दी जा रही है. श्रमिकों द्वारा इस संबंध में सामूहिक हस्ताक्षर युक्त शिकायतनामा बड़ाबाजार थाना प्रभारी को भी दिया गया है.