कोलकाता : गोरखा जनमुक्ति मोरचा के प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा है कि विपक्ष के कुछ नेता मौजूदा राजनीतिक स्थिति का फायदा उठा रहे हैं, इसलिए उन्होंने कर्नल रमेश अलेय और रोशन गिरि को जीटीए के लिए पूर्ण रूप से काम करने की इजाजत दी है. जीटीए सदस्य केवल विकास के मुद्दे पर ध्यान देंगे.
द्विपक्षीय वार्ता में मुख्य एजेंडा रहेगा कि सरकार की ओर से जीटीए के संचालन को लेकर कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. जीटीए सदस्यों को ईमानदारी और दक्षता से कार्य करना होगा. उन्हें खुद के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए काम करना होगा. जीटीए के लिए हमारे पास एक हजार करोड़ रुपये हैं और इससे विकास कार्य होगा.
जीटीए जल्द ही अपना सबोर्डिनेट सेलेक्शन बोर्ड शुरू करेगा, जिसमें बेरोजगार युवाओं की नियुक्ति की जायेगी. बोर्ड की अपनी जीटीए रिक्रूटमेंट परीक्षा होगी. उसके बाद ही नियुक्ति की जायेगी. जीटीए में चार हजार पद रिक्त हैं.
गोरखालैंड के लिए आंदोलन दिल्ली जायेगी और वह केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव डोंगे. विमल गुरुंग ने अपने पोस्ट में लिखा है कि वह राष्ट्रपति से गत सप्ताह मिले और उन्होंने उनसे इसलिए ही मुलाकात की, क्योंकि वह गोरखालैंड के नेता हैं.